माना अब वक्फ अमेंडमेंट बिल पास हो गया, राष्ट्रपति जी ने भी साइन कर दिए लेकिन कब तक...? तेजस्वी ,ममता सब एक ही स्वर में सरकार बदलकर इस बिल को कूड़ेदान में फेंकने की बात खुलकर बोल रहे हैं... क्या राष्ट्रवादी समझ रहे है कि उन्हें क्या करना है..? वैसे सुप्रीम कोर्ट का खेल तो अभी बाकी ही है
अगर इन धूर्त वक्फ एक्ट के समर्थकों को रोकना है तो इन्हें किसी भी हाल में सत्ता की चाबी नहीं देनी वर्ना ये क्या कर सकते हैं वो हम सभी समझते हैं