धन्यवाद बीजेपी
एक समुदाय का विस्तारवाद तो रोक दिया अब बारी है अपने विस्तारवाद की। ये विस्तार हम को करना है और ये बिना सरकार के ही सिर्फ जनस्तर पर हो जाएगा।
हिन्दू होने के नाते अब हम 2014 से तो बेहतर स्थिति मे है, लव जेहाद अब उतना आसान नहीं रह गया। ईद पर ताली बजाने वाले हिन्दू भी काफी सिमट गए है, कांग्रेस 99 सीट पाकर जो पागल हुई उससे इतना स्पष्ट है कि अब इससे आगे की हैसियत उनकी नहीं बची।
बीजेपी के लिये अब खुला मैदान है, इन पाँच सालो मे बीजेपी ये भी सीख जायेगी कि सेक्युलर दलों से कैसे काम करवाना है। इसलिए ये 240 सीटें हर परिस्थिति के लिये ट्रेनिंग देगी।
इसलिए राजनीति मे हिन्दुओ को चिंता की आवश्यकता नहीं है महज सजगता से काम हो जाएगा, सिर्फ अपनी चेतना जगाए रखिये, ये जूनून अब कम नहीं होना चाहिए और कट्टरता बनी रहनी चाहिए।
भेदभाव वाले कानून के रुक जाने से अब अखंड भारत का रास्ता बनाया जा सकता है। मैं बार बार अखंड भारत की बात इसलिए कर रहा हुँ ताकि कम से कम हमारे अवचेतन मन मे तो बैठे।
हम को अगले 30-40 वर्षो मे सभी घरेलू मुद्दे सुलझाने है। हर हिन्दू मुसलमान सिख ईसाई के लिये शिक्षा अब अनिवार्य होना चाहिए, आसपास देखिये यदि कोई जरुरतमंद हो और उसे पढ़ा सके तो पढ़ाए। गरीब बच्चों को मुफ्त ट्यूशन दे।
देश को AI, तकनीक और विज्ञान मे आगे ले जाने के लिये पागल हो जाइये। जातियों और भाषाओ का भेद मिटा दीजिये, जाति का नाम लेने की जगह खुद को हिन्दू कहने पर प्राथमिकता दीजिये।
यदि पढ़ाई करने विदेश जाना पड़े तो जाइये, नई तकनीक से पहले खुद को और वापस लौटकर भारत को उन्नत कीजिये। यदि रात को कोई लड़की अकेलीं और असुरक्षित दिखाई दे तो भाई या पिता के किरदार मे आ जाइये।
महिलाओ को बराबरी से बढ़ने का मौका दीजिये, लड़की को बोझ समझने की बजाय सक्षम बनाइये। नए उद्यमियों की पूँजी के लिये सहायता कीजिये और विकास के मुद्दों को बहुत जोरो से उठाइये।
इनका अखंड भारत से डायरेक्ट कनेक्शन है, जैसे जैसे हमारी आंतरिक समस्याये खत्म होंगी हमारी स्थिति 1820 वाले अमेरिका जैसे हो जायेगी। 1820 मे अमेरिका महज तमिलनाडु बराबर था, मगर ज़ब उनके घरेलू मुद्दे सुलझ गए तो उन्हें साम्राज्यवाद की कमी महसूस हुई।
उसी उलझन मे उसने पहले मध्य अमेरिका को कब्ज़ाया और फिर मेक्सिको को हराकर केलीफोर्नीया तक अपना देश बढ़ा लिया।
ज़ब आप विकसित हो जाते हो तो आप युद्ध झेल सकते हो और जो आपकी समस्या है कि पाकिस्तान का क्या करेंगे उसका भी समाधान मिल जाएगा।
उनकी चिंता मत कीजिये महंगाई लगातार बढ़ रही है और अरब देश अब मदद देनी बंद कर रहे है। वे शिक्षा का सहारा ले ही नहीं सकता क्योंकि शिक्षित हो गया तो वे दूर हो जाएगा।
इसलिए ये काम आप कीजिये, सिर्फ 30-40 सालो की बात है लेकिन फिर एक पीढ़ी आएगी जो हमसे ज्यादा सक्षम होंगी और जिसकी लम्बा युद्ध झेलने की हैसियत होंगी।
जिन्ना ने पाकिस्तान बनाने के लिये दंगो और हत्याओ का ही सहारा लिया था। ऐसी नींव ज्यादा मजबूत नहीं होती और पाकिस्तान के आर्थिक हालात इसका सबूत है। इसके विपरीत हमारी नींव तो पहले से मजबूत है बस थोड़े खाद की जरूरत है।
इसलिए अग्रेसिव डेवलपमेंट को मुद्दा बनाइये, यही रास्ता अखंड भारत तक जाएगा। संभव है वो दिन देखने के लिये हम से कुछ लोग जिंदा ना रहे मगर गंगा मे बहती अस्थिया तो उसका साक्ष बन ही जायेगी।
✍️परख सक्सेना✍️