हमें यह देखकर बड़ा आश्चर्य हुआ कि कई सिख नेता वक्फ बिल के खिलाफ थे जबकि हरियाणा में एक बेहद प्राचीन गुरुद्वारा को लेकर सिख समुदाय और वक्फ बोर्ड के बीच में लंबी कानूनी जंग चल रही है। इस गुरुद्वारे को वक्फ बोर्ड अपना बताता है और कहता है कि यह बाबर के जमाने में मस्जिद थी
वक्फ बिल पास होने के बाद यमुनानगर के हजारों सिखों ने मिठाइयां बांटी क्योंकि अब उन्हें लग रहा है कि अब उनका गुरुद्वारा पूरी तरह से उनका हो जाएगा। विचार कीजिए कि क्या कोई सच्चा सिख उसका समर्थन करेगा जो उनके गुरुद्वारे को हड़पना चाहते है? वैसे पन्नू जैसा अटकी भी अपने आप को सिख बताता है लेकिन वो एक राक्षस है.."कालनेमी" जो केवल आतंक फैलाने की बातें करता है