गिली गिली छू....आ गया हवा में से कबूतर। गिली गिली छूं...कबूतर बन गया फूल। फूल बन गया रुमाल!
ये चल रहा है हमारी आंखों के सामने....जब के घटना अभी घटित हो रही है, पूरी डिटेल्स अभी आ रही है। मृतकों का शोक चल रहा, और घायल अभी हस्पताल में हैं।
ना ना हिंदू नहीं मारे...धर्म तो किसी ने पूछा ही नहीं..अरे पतलून ? पतलून किस की उतारी ?
जब धर्म पूछ कर मार दिया था तो बताया किसने किसका धर्म पूछा ?
एक चैनल ने तो लिस्ट छाप दी 26 लोगों की जिसमें 15 नाम भाईजान के हैं... और राहुल गांधी विक्टिम्स को मिलने जाता है तो फोटो किस के साथ खिंचवाता है, वो हम ने देख लिया।
ये तब जब पूरा देश अपनी आंखों से वीडीओ देख रहा, मृतकों के परिवार जनों की बातें सुन रहा। पूरा विश्व देख रहा और विदेशी कह रहे के हिंदू नरसंहार हुआ।
यहां तक के औवैसी ने मान लिया के धर्म पूछकर हिंदू मारे गए।
राजनैतिक पार्टियां डबल गेम खेल रही....चाचा राम गोपाल कहते हैं के हिंदू नहीं मारे और प्रवक्ता राज कुमार भाटी मानता है के हिदू चिन्हित करके मारे गए। राहुल गांधी चार भाईजान को विक्टिम बताता और प्रवक्ता अलका लांबा कहती हिंदू चिन्हित करके मारे गए।
और बीच बीच में...... फलाना भाईजान घायलों को पीठ पर लाद कर मीलों चला गया।
और बंगाल का एक अल्ट्रा वामपंथी हिंदू जो के शायद वहां पर हो भी ना, बोलता है, मैने कलमा पढ़कर जान बचाई ।
अभी लोगों को सब पता है तो रिएक्ट भी कर रहे। पर छः महीने के बाद ? छः साल के बाद ? यहीं कामिक स्टोरीज दोहराई जाऐंगी.. एक दूसरे का रैफरेंस देंगे.. देखो फलाने ने बताया के भाई जान मरे थे। भाई जान ने सहायता करी थी...
ऐसे ही "गिली-गिली छू" से बने कबूतर और फूल दिखकर कहा जाऐगा कशमीर फाईल्स एक फेक कहानी थी, प्रोपेगंडा था।
ये आज से नहीं दशकों से चल रहा है...ऐसे ही जादू की पिटारी से आर्यन इनवेज़न की थिओरी घङ़ी गई। ऐसे ही जादू की पिटारी से राष्ट्रपिता और चिचा निकाले गए। अकबर महान भी इसी पिटारी से निकला और औरंगजेब दयावान भी।
सतर्क रहना और सही इतिहास पढ़ना, बताना बहुत जरूरी है।
सावधान रहें, सतर्क रहें और सुरक्षित रहें 🙏