रमजान में हिंदू भाईचारा निभाते हैं लेकिन क्या नवरात्रों में उसी उत्साह के साथ मुसलमानों द्वारा भाईचारा निभाया जाता है? क्यों है इतना अंतर? क्योंकि हिंदू वोट और सेकुलर के पीछे पागल है और मुसलमानों के लिए मजहब से ऊपर कुछ नहीं
हिंदू अपने धर्म से विमुख हो रहा है इसलिए ऐसी दर्दनाक स्थिति में आ गया है.. सोचो, समझो और जो करना है आज ही से करो क्योंकि कल अवशर नहीं मिलेगा