आपमें से कई लोगों ने भी अनुभव किया होगा कि हमारे समाज में, आस पास के लोगों में देश की बात करना राजनीति लगता है, अपने समाज के बारे में बात करना हिंदू-मुस्लिम करना लगता है,
और जो कुछ लोग करने की कोशिश भी करते हैं तो सुनने को मिलता है:👇
◆ ये मंदिर वालों, योग वालों का ग्रुप है, इसमें राजनीति ना करें !
◆ ये व्यापारियों का ग्रुप है, इसमें राजनीति ना करें !
◆ ये मोहल्ले का ग्रुप है, इसमें राजनीति ना करें।
◆ ये वकीलों का ग्रुप है, इसमें राजनीति ना करें।
◆ ये टीचर्स का ग्रुप है, इसमें राजनीति ना करें।
◆ ये डॉक्टर्स का ग्रुप है, इसमें राजनीति ना करें।
◆ ये समाज का ग्रुप है, इसमें राजनीति ना करें।
◆ ये ऑफिस का ग्रुप है, इसमें राजनीति ना करें।
और भी न जाने क्या-क्या ..!!
गुड मॉर्निग के अनावश्यक 20-20 और 50-50 मैसेज भेजो, कोई परेशानी नहीं!
पति-पत्नियों के ढेर सारे चुटकुले भेजो, कोई परेशानी नहीं!
नए-नए औषधीय प्रयोग भेजो, कोई परेशानी नहीं!
भगवान के 20-20 पोस्टर भेजो, कोई परेशानी नहीं!
100-200 बधाई संदेश भेजो, कोई परेशानी नहीं!
अपने बच्चों की और पारिवारिक उत्सवों की फोटो और वीडियो भेजो, कोई परेशानी नहीं!
बस देश की बात बिल्कुल मत करो। देश की बात करना, यानि राजनीति करना हो गया! सनातन की बात करना यानि हिंदू- मुस्लिम करना हो गया!
हमारी छोटी छोटी स्वार्थ लोलुपताओं के चलते हम दुनिया से मिटते जा रहे हैं!
पर हम सुधरेंगे नहीं, क्योंकि हमें केवल हमारे खाने कमाने से मतलब है!!
जबकि वे लोग बचपन से ही अपने बच्चों को यही तालीम दे रहे हैं कि, "हिंदू हमारे दुश्मन नंबर एक हैं" और उनको इस देश से खत्म करके अपना मज़हब कायम करना है,यही हमारा पहला और आखिरी मकसद है!!
हम आप देश के बारे में अपने विचार रखना ही नहीं चाहते, क्योंकि वास्तव में हम देश के लिए सोच ही नहीं रहे हैं, इसीलिए
हमको उससे भी कष्ट होता है कि कहीं कोई हमारे अंदर की सोती हुई सोच को जगा न दे, और हमें हमारे comfort zone से निकलना पड जाये
स्मरण रखें❗ वर्तमान में लिया गया हर निर्णय, आपका भविष्य तय करेगा , आपकी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य तय करेगा