वैसे तो तू मुझे हाथ के हमने अनेकों मामले देखे लेकिन अब तक ढाबों पर, शादियों में, होटल में, ठेलों पर ही ये सब सुना था लेकिन अब तो देवी जागरण में भी भक्तों को थूंका हुआ प्रसाद खिलाया जा रहा है। मामला गाजियाबाद का जहां माता रानी के जागरण में खाना बनाने के समय दो जेहादी तंदूर पर थूक लगाकर रोटी बनाते हुए दिखाई दिए।
जिहादियों का क्या वह तो अपना काम कर रहे हैं लेकिन उन मुर्ख हिंदू आयोजकों को क्या कहना जो देवी जागरण में भी खाना बनाने के लिए ऐसे लोगों को ठेका दे रहे हैं। प्रसाद तैयार करना कितना महत्वपूर्ण काम है क्या इन्हें नहीं पता? क्या इन्हें कोई देवी भक्ति ही नहीं मिला जो प्रसाद बना सके? हिंदुओं आखिर कितनी मूर्खता दिखाओगे ? कब सुधरोगे और कब इस जिहादी मानसिकता को पहचानकर इसका बहिष्कार करोगे?