दिल्ली चुनावो में आपदा की हार हुई और भाजपा की जीत लेकिन इसके साथ ही बहुत सी बातें है जो समझने लायक है या ये कहीं की आनंददायक हैं। केजरीवाल जो कि आपदा का मुखिया है जो जैस से बेल पर बाहर घूम रहा है वो खुद हार गया और सिसोदिया, सत्येंद्र जो जेल जा चुके हैं वो भी हार गए। दिल्ली की जनता आखिर कार 10 सालों तक आपदा का बोझ उठाने के बाद जाग गई और अब अपने कंधे हल्के कर लिए।
मजेदार बात ये है कि अपने आप को देश की बड़ी पार्टी कहने वाली कांग्रेस इतनी गर्त में चली गई है कि 1 सीट भी नहीं ले पा रही, फिर भी इन्हें शर्म नहीं आती। एक और अच्छी बात ये है कि मनुस्मृति जलाने की पैरवी करने वाली जिस महिला प्रियंक गौतम को बीजेपी ने टिकट दी वो भी हार गई।