🚩 हिंदवा सूर्य छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म दिवस आज(दिनांकानुशार)..... प्रशासक समिति परिवार का कोटि-कोटि नमन
वैसे ये एक विवाद का विषय कुछ लोगों ने बनाया हुआ है कि शिवाजी महाराज की जयंती साल में दो बार क्यों मनाई जाती है तो हमारा तो यह मानना है कि ऐसे महापुरुषों की जयंती साल में 365 दिन भी मनाया जाए तो कोई समस्या नहीं होनी चाहिए...
👉 हमारे देश में शायद ही ऐसा कोई होगा जो छत्रपति शिवाजी महाराज (Chatrapati Shivaji Maharaj) से परिचत न हो। दोस्तों, वह देश के वीर सपूतों में से एक थे, जिन्हें ‘हिंदवा सूर्य’ (Maratha Gaurav)भी कहते हैं और भारतीय गणराज्य के महानायक भी। वर्ष 1674 में उन्होंने पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की भी नींव रखी थी। इसके साथ ही उन्होंने कई सालों तक मुगलों से कठिन संघर्ष किया था और उन्हें धूल भी चटाई थी।
👉 शिवाजी भोंसले उर्फ़ छत्रपति शिवाजी महाराज एक भारतीय शासक और मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे। शिवाजी ने आदिलशाही सल्तनत की अधीनता स्वीकार ना करते हुए उनसे कई लड़ाईयां की थी। शिवाजी को हिन्दूओं का नायक भी माना जाता है। शिवाजी महाराज एक बहादुर, बुद्धिमान और निडर शासक थे। धार्मिक कार्य में उनकी काफी रूचि थी। रामायण और महाभारत का अभ्यास वह बड़े ध्यान से करते थे। वर्ष 1674 में शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ और उन्हें छत्रपति का ख़िताब मिला।
👉 छत्रपति शिवाजी महाराज को उनके अद्भुत बुद्धिबल और अद्भुत पराक्रम के लिए जाना जाता था। वे पहले ऐसे भारतीय शासकों थे, जिनके बारे में कहा जाता है कि, उन्होंने महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र की रक्षा के लिए नौसेना बल की अवधारणा को पेश किया था। इसके अलावा सबसे बड़ी और खास बात ये है कि, उन्होंने अपनी बटालियन में कई मुस्लिम सैनिकों को भी इसके खास बल में नियुक्त किया था।
👉 छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम शिवाजी भोंसले था। वर्ष 1674 में उन्हें औपचारिक रूप से छत्रपति या मराठा साम्राज्य के सम्राट के रूप में ताज पहनाया गया था। दोस्तों, उस समय देश में फारसी भाषा का ज्यादा उपयोग होता था, लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज ने अदालत और प्रशासन में मराठी और संस्कृत के उपयोग को बढ़ावा देने का भी अद्भुत फैसला किया था, जो कि उनकी दूरदर्शिता और राष्ट्रप्रेम के साथ देश की संस्कृति के प्रति उनकी अगाध श्रद्धा को भी दर्शाता है ।