जब कोई व्यक्ति धर्म से विमुख होता है, तो देश को एक नया षड्यंत्रकारी, राष्ट्रविरोधी, दुराचारी, पशु भक्षक और अधार्मिक व्यक्ति मिल जाता है। यह विचार इस धारणा पर आधारित है कि सनातन धर्म से दूरी बनाने वाला व्यक्ति अपनी नैतिकता और उन मूल्यों से भटक जाता है, जो भारत जैसे देश और भारतीय समाज के लिए आवश्यक हैं।
ऐसे व्यक्ति भारत के सामाजिक और राष्ट्रीय ताने-बाने को हानि पहुंचाते है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि व्यक्ति अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक जड़ों से जुड़ा रहे ताकि सांस्कृतिक समझ बनी रहे। यदि आप भी नर पिशाच नहीं बनना चाहते , राक्षस नही बनना चाहते तो अपने धर्म को समझे उसको धारण करो और अपने परिजनों को भी धर्म परायण बनाओ, बच्चों को धर्म ज्ञान और संस्कार दो