यह दिलीप मंडल का बड़प्पन है कि आज वह स्वीकार कर रहे हैं कि जब वह वामपंथी थे तो उन्होंने यह एक फर्जी नॉरेटिव सेट किया, एक फर्जी काल्पनिक मुस्लिम पात्र को महान बनाने के लिए खड़ा किया गया। रोमिला थापर रामचंद्र गुहा DN झा जैसे तमाम फर्जी इतिहासकारों ने इसी तरह से भारत का एक फर्जी इतिहास लिखा है मुगल लुटेरो को अच्छा बताया गया है जबकि यह सब काल्पनिक है
यह तो केवल एक इतिहासकार ने अपने पाप को कबूल किया है ऐसे और भी कितने ही इतिहासकार हैं जिन्होंने काल्पनिक चरित्रों का निर्माण किया, असल चरित्रों को धूमिल किया, आता थाई लुटेरों को महिमा मंडित किया। ऐसे लोगों को हमें पहचाना चाहिए और समझना चाहिए अपने सही इतिहास को
Vikas yadav ji bjp
ReplyDelete