उत्सव, पर्व, त्योंहार, परंपराएं ये एक उत्तम जीवन के आधार होते हैं लेकिन दुर्भाग्य की इन सब मामलों में सबसे संपन्न सनातन संस्कृति में पैदा होकर भी बहुत से हिंदू सपरिवार गर्त में जा रहे हैं..
पाश्चात् संस्कृति के भयानक दुष्परिणामों को समझ उनसे बचने का प्रयास कीजिए अन्यथा आपका कोई नाम लेने वाला तक नहीं बचेगा... अनेकों लोग कन्वर्ट हो गए और उनका अंतिम संस्कार तक सही तरीके से नहीं होता
Jay ho snatan dharm ki jay hind jay bharat Jay Shri Ram
ReplyDeleteजय श्रीराम
ReplyDeleteJai shree Ram 🙏
ReplyDelete"कौन क्या कर रहा है" इसकी चिंता छोड़कर "मैं क्या कर रहा हूं" इस पर अगर मनुष्य ध्यान दें तो हमेशा खुश रहेगा। इस युग में नारद या मंथरा का चलने वाला नहीं है। किसी को बेवकूफ बनाना अब आसान नहीं है। लोग सही, गलत, झूठ, सच, सब अच्छी तरह से जान जाते हैं।
ReplyDeleteआ
🙏🌹सुप्रभात 🌹🙏