1. 21 मई 1991 को राजीव गांधी की हत्या कर दी गई और ठीक एक महीने बाद 21 जून 1991 को 'राजीव गांधी फाउंडेशन' नाम से एक एनजीओ की स्थापना की गई ।
2. 1993 में सोनिया गांधी ने ब्रिटेन में राजीव गांधी फाउंडेशन की एक शाखा खोली
3. 1993 में सोनिया गांधी राजीव गांधी फाउंडेशन से जुड़े काम के लिए अमेरिका गईं।
4. उसी साल 1993 में जॉर्ज सोरोस ने न्यूयॉर्क में "ओपन सोसाइटी फाउंडेशन" की स्थापना की ।
5. दिसंबर 1994 में फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन द एशिया-पैसिफिक (FDL-AP) नाम से एक एनजीओ NGO की शुरुआत की गई ।
6. अन्य लक्ष्यों के अलावा, इस एनजीओ का मुख्य उद्देश्य 'स्वतंत्र कश्मीर' था !
हां, आपने सही पढ़ा, 'स्वतंत्र कश्मीर '!
7. "राजीव गांधी फाउंडेशन" की अध्यक्ष के रूप में, सोनिया गांधी इस मंच की सह-अध्यक्ष थीं ।
8. सोरोस फाउंडेशन (ओपन सोसाइटी फाउंडेशन) इस एनजीओ NGO के प्रमुख फंडर्स में से एक था ।
जी हाँ, सोरोस फाउंडेशन फ्री कश्मीर के उद्देश्य से एक एनजीओ NGO को फंड कर रहा था, और सोनिया गाँधी इसमें शामिल थीं ।
अब, कंधार अपहरण से जुड़ी कुछ चौंकाने वाली जानकारी है, आगे पढ़ें ।
9. कंधार विमान अपहरण की घटना 1999 में हुई थी । कंधार पहुंचने से पहले, विमान ईंधन भरने के लिए UAE यूएई में उतरा था । UAE के अधिकारियों ने अमेरिकी राजदूत को हवाई अड्डे में प्रवेश करने की अनुमति दी, लेकिन भारतीय राजदूत को नहीं ।
10. उसके बाद, आतंकवादी विमान को अफगानिस्तान के कंधार ले गए, जो उस समय तालिबान के नियंत्रण में था ।
एक और तथ्य यह है कि रूस का मुकाबला करने के लिए अमेरिका उन दिनों तालिबान का समर्थन कर रहा था ।
11. शुरुआत में अपहरणकर्ताओं ने 36 आतंकवादियों की रिहाई की मांग की थी, लेकिन बातचीत के बाद मसूद अजहर समेत तीन आतंकवादियों की रिहाई पर सहमति बनी ।
36 की सूची में एक आतंकवादी 'लतीफ' का नाम भी था, लेकिन उसे रिहा नहीं किया गया ।
12. FBI को मसूद अजहर में विशेष रुचि थी । FBI ने 1995 से 1998 के बीच कई बार उसका 'साक्षात्कार' लिया, जब वह भारतीय जेल में था !
नोट: 'साक्षात्कार'... किससे ? आतंकवादी मसूद अजहर से ? किसके द्वारा ? अमेरिकी खुफिया एजेंसी FBI ने ।
13. रिहा होने के बाद आतंकवादी मसूद अजहर ISI की मदद से पाकिस्तान पहुंचा और आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य भी 'फ्री कश्मीर' है !
14. जून 2001 में सोनिया गांधी अपने सहयोगियों (मनमोहन सिंह, नटवर सिंह, मुरली देवड़ा, जयराम रमेश) के साथ पांच दिनों के लिए अमेरिका गईं । लेकिन वहां पहुंचने से पहले उन्होंने ब्रिटेन और आइसलैंड का दौरा किया ।
दोनों देश टैक्स हेवन हैं !
15. अमेरिका में सोनिया गांधी ने काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस और हेनरी किसिंजर के साथ बैठक की !
17. सोनिया गांधी के सहयोगी नटवर सिंह के मुताबिक, सोनिया गांधी को वहां बहुत खास लोगों से मिलने की उम्मीद थी । ये खास लोग कौन थे, उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया ।
18. कुछ महीने बाद, 13 दिसंबर, 2001 को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने भारतीय संसद पर हमला किया ।
19. 2004 के चुनाव जीतने के बाद, सोनिया गांधी ने सरकार चलाने के लिए NAC का गठन किया ।
हर्ष मंदर और अरुंधति रॉय इस NAC का हिस्सा थे !
मजे की बात यह है कि दोनों ने भारत में जॉर्ज सोरोस के लिए काम किया !
20. एक एनजीओ, HRLN 'एचआरएलएन', शहरी नक्सलियों और अलगाववादियों के लिए राजीव गांधी फाउंडेशन के साथ सक्रिय रूप से काम करता है ।
यहां तक कि इस एनजीओ को सोरोस और यूएसए से भी फंडिंग मिलती थी।
2004 में सत्ता में आने के बाद सोनिया गांधी का पहला फैसला आतंकवाद विरोधी कानून पोटा को खत्म करना था ।
21. 28 मई, 2010 को UPA यूपीए सरकार ने सद्भावना के तौर पर 25 आतंकवादियों को रिहा किया
सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि 'लतीफ' को भी रिहा किया गया, जिसका नाम मसूद अजहर के साथ लिस्ट में था, लेकिन उस समय उसे रिहा नहीं किया गया ।
22. आरटीआई RTI रिपोर्ट के अनुसार, सरकार के पास 2004 से 2014 के बीच सोनिया गांधी की विदेश यात्राओं का कोई रिकॉर्ड नहीं है ।
23. 2011 के बाद, सोनिया गांधी ने 'मेडिकल' कारणों से कई बार अमेरिका की यात्रा की ।
यह जानकारी भी कांग्रेस प्रवक्ताओं ने दी, और वह भी उनके भारत छोड़ने के बाद !
24. इसी तरह, 30 नवंबर, 2015 को, वह तीन दिनों के लिए 'मेडिकल चेकअप' के लिए अमेरिका गईं ।
25. 2 जनवरी, 2016 को पठानकोट हमला हुआ ।
क्या आप जानते हैं कि उस हमले का मुख्य आतंकवादी कौन था ? वही 'लतीफ' ! जिसे 2010 में यूपीए UPA सरकार ने सद्भावना के तौर पर रिहा कर दिया था !