संभल में क्या हुआ ये सभी ने देखा लेकिन क्यों हुआ ये समझनी कि कोशिश किसी ने नहीं की।सम्भल में जो हुआ वो एक मानसिकता की बढ़ती संख्या का दुष्परिणाम है, ये दुष्परिणाम हैं जनसांख्यिकी में जबरदस्त परिवर्तन का..। संभल में जो अब हुआ वो तो हमने देख लिया लेकिन इससे भी खतरनाक काम सम्भल में पहले भी हो चुका है
आज हम 2024 में सम्भल में जेहादियों का आतंक देख रहे हैं लेकिन इसी सम्भल में 1978- 80 में अनेकों हिंदुओं ने ये आतंक सहा है और अपना सबकुछ छोड़कर भागे हैं। जेहादी मानसिकता के साथ जब जब जहां भी हिंदुओं ने रिश्ते बनाए, उनके भाईचारा निभाया तन तक हिंदुओं के साथ विश्वासघात हुआ, बर्बरता हुई और सबकुछ बर्बाद हुआ।