कॉन्ग्रेसी प्रपंच तंत्र कितना गिरा हुआ है, उसका एक उदाहरण यह समाचार है, जिस लगातार शेयर किया जा रहा है। हुआ यह कि कंक्रीट ब्लॉक्स को क्रेन से उठाते समय संतुलन बिगड़ने से वो पलट गया। दुर्घटना घटी है, पर ‘बुलेट ट्रेन का पुल गिरा’ में जो आनंद इन्हें मिलता है, वो क्रेन वाले में नहीं मिलेगा। @DainikBhaskar वाले पत्रकार को क्या दिखा नहीं कि पुल और कंक्रीट ब्लॉक्स में अंतर होता है?
देश में कुछ भी अच्छा हो रहा हो, उससे संबंधित कोई दुर्घटना हो जाए, जिस पर कई बार मानवीय नियंत्रण नहीं होता, तब भी ये ऐसे दिखाते हैं जैसे भ्रष्टाचार हुआ था, निम्न गुणवत्ता का सामान प्रयोग हुआ और पुल गिर गया।
साभार
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