14 नवम्बर अगर बाल दिवस मनाना है तो गुरु गोविंद सिंह जी के बेटों के नाम पर मनाना चाहिए...जिन्होंने भारत देश के लिए बच्चों को कुर्बान कर दिया, नमन है ऐसे वीर बहादुर पुत्रों को जिन्होंने अपनी राष्ट्र, धर्म संस्कृति के लिए अपनी प्राणों की बलिदानी दी और जीवन की अंतिम स्वांस तक अपनी धर्म संस्कृति की रक्षा के लिए अडिग रहे
आखिर क्यों एक व्यक्ति के जन्मदिवस को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है? वो भी ऐसी व्यक्ति के जिसे लगता है कि एक गलती से भारतीय अथवा हिंदू है #AccidentalHindu. भारत भी अजीब देश है जहां कोई खुदके जन्मदिन को टीचर्स डे घोषित करवा दिया है तो कोई बाल दिवस, किसी को राष्ट्रपिता बना दिया जय है तो किसी को जगत चाचा...! जागो भारतवासियों जागो और सही मार्ग पर आगे बढ़ो, आखिर कब तक कुछ लोगों के गुलाम बनकर गुलामी करते रहोगे..?
पहले हमने मुगलों की गुलामी की, फिर अंग्रेजों की गुलामी की और अब भी हम उन कांग्रेसियों की गुलामी करते हैं जिन्होंने भारत का विभाजन करवा दिया जिनकी गलत नीतियों और तुष्टीकरण के कारण लाखों करोड़ों हिंदू बर्बाद हुए मौत के घाट उतार गए, हिंदू बहन बेटियां जिहादियों की शिकार हुई और हो रही हैं। नेहरू एक ऐसा प्रधानमंत्री था जो केवल एक वोट के कारण पीएम बना था और हम उस व्यक्ति को इतनी अहमियत देते हैं कि उसके नाम पर बाल दिवस मनाते हैं... विचार कीजिए कि हम सही कर रहे हैं या गलत
जय हिंद 🇮🇳🇮🇳🚩🚩🚩

