दोस्तों हम सभी जानते हैं कि योगी जी ने जो नारा दिया "बटेंगे तो कटेंगे" यह केवल एक राज्य तक सीमित नहीं और ना ही राजनीति तक सीमित है क्योंकि इस नारे के अनुरूप अनेकों ऐसी घटनाएं हम देख चुके हैं जहां हिंदुओं को आपस में बांटा गया और विधर्मियों द्वारा अपने मजहब और पंथ के फैलाव के लिए हिंदुओं का नरसंहार किया गया। कुछ नेता इस बात की सच्चाई को जानते हुए भी केवल इसलिए इस नारे का विरोध कर रहे हैं कि उनके चहेते कट्टरपंथी उनसे नाराज ना हो जाए... जबकि उन्हें भी पता है कि वह चहेते इन्हें वोट देने वाले ही नहीं है।
आज अजीत पवार और पंकजा मुंडे जैसे नेता बटेंगे तो कटेंगे इस नारे का महाराष्ट्र में औचित्य नहीं बता रहे जबकि इसी महाराष्ट्र में आने वाले 20 से 25 वर्षों में हिंदुओं की जनसंख्या आधी हो जाएगी यह टाटा की रिपोर्ट साफ कर चुकी है। इसी महाराष्ट्र में हाल ही में कई ऐसी घटनाएं हो चुकी है जहां हिंदुओं पर मुसलमानो द्वारा हमले किए गए, यही महाराष्ट्र है जहां एक संत के सर तन से जुदा के नारे मुसलमानों द्वारा लगाए गए। आखिर पंकजा और अजीत दादा कौनसे भाईचारे की गोलियां बांटना चाह रहे हैं ये विचारणीय है...! BJP के पास ऐसे भी नगीने हैं जो समय आने पर रंग दिखाते हैं