एक मानसिकता जो विनाश को पसंद करती है जो कयामत की प्रतीक्षा में है और शांति से जिसका दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं क्या उस मानसिकता के साथ विश्व का कल्याण चाहने वाली मानसिकता का साथ "भाईचारा" संभव है? नहीं ! कभी नहीं , जहां जहां और जब जब भाईचारा निभाया गया वहां शांति का सर्वनाश हुवा,इसलिए शायद अब देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड के सनातनियों ने अच्छी पहल की है "बहती लोगो के लिए जमीन बिकाऊ नहीं..."
एक जिहादी मानसिकता आती है और जेहाद फैलाकर सब कुछ बर्बाद कर देती है उस स्थान की शांति भंग करती है, बहन बेटियों को जाल में फांसती है और सब लूटने के लिए आगे बढ़ती है। ऐसी मानसिकता को अपने क्षेत्र से दूर रखना अत्यंत आवश्यक है जिसकी पहला उत्तराखंड के सनातनियों ने की है।
देहरादून: अल्मोड़ा और टिहरी जिले के दो ग्रामों के बाहर ऐसे बोर्ड लगे दिखाई दिए हैं, जिसमें लिखा है कि बाहरी लोगों के लिए ग्राम में जमीन बिकाऊ नहीं है। ये फैसला ग्राम पंचायत की बैठकों में लिया बताया गया है।......
अल्मोड़ा जिले के सल्ट तहसील के कालीगढ़ ग्राम के बाहर ग्राम प्रधान की आज्ञा से बोर्ड लगा हुआ है, जिसमें लिखा हुआ है कि कोई भी बाहरी व्यक्ति गांव में जमीन की खरीद फरोख्त नहीं कर सकता।......
इस बोर्ड को लगाने के पीछे क्या उद्देश्य है, इस पर ग्राम प्रधान मंजू कांडपाल का कहना है, बाहरी लोगों के द्वारा देवभूमि में भूमि खरीदने के बाद पेड़ काटे जा रहे हैं यहां की आबो हवा खराब की जा रही है। इस बोर्ड को लगाने से पहले ग्राम में सहमति बनी है।......
इसी तरह का बोर्ड टिहरी जिले के प्रतापनगर के मेनगी गांव के बाहर भी बोर्ड लगा हुआ है। उत्तराखंड में सशक्त भू कानून को लेकर इन दिनों बहस छिड़ी हुई है, यहां डेमोग्राफी चेंज को लेकर स्थानीय लोग चिंता प्रकट कर रहे हैं और सशक्त भू कानून बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। सरकार ने भी अगले बजट सत्र में नए भू सुधार कानून को लाए जाने की घोषणा की है।......