मुंबई का एक मामला काफी सुर्खियों में हैं और उसी कर इस लेख में हम चर्चा करेंगे। कहा जा रहा है कि एक बुजुर्ग ने भंडारे में आने वाली एक मुस्लिम महिला को कहा कि जय श्री राम बोलो तो खाना मिलेगा इसपर महिला ने जय श्री राम कहने से साफ इनकार कर दिया और बुजुर्ग ने खाना देने से इनका कर दिया। इस वाक़िए को ऐसे दिखाया जा रहा है मानो बुजुर्ग ने कोई आतंकी हरकत कर दी हो...आपको क्या लगता है बुजुर्ग ने कुछ गलत किया??
प्रश्न ये है कि आखिर महिला को जय श्री राम बोलने से दिक्कत क्यों है? भारत में रहकर जय श्री राम से इतनी नफरत क्यों है? और जो जय श्री राम नहीं बोल सकते, वंदे मातरम नहीं बोल सकते ऐसे लोगों को राष्ट्र और धर्म प्रेमी सनातनी आखिर खाना क्यों खिलाएं? हम इन बुजुर्ग का पूर्ण समर्थन करते हैं और सभी सनातनियों से यही निवेदन करते हैं को दान (भंडारा) उसी को दें जो इसके लायक हो, जो उचित पात्र जो.... जो प्रभु राम और भारत माता से नफरत करता है, जो हिंदुओं को काफिर मानता है उससे तो कोई रिश्ता रखना भी अपने आप में पाप है ..
अहसान फरामोश लोगों को कुछ भी खिलाना पिलाना, उनसे समान खरीद उन्हें पोषित करना उनसे किसी भी प्रकार का व्यहवार रखना अत्यंत घातक है। हिंदुओं के हर त्योंहारों पर जेहादी हमले हो रहे हैं। Rss के खीर वितरण कार्यक्रम पर भी हाल ही में जेहादियों ने हमला किया था। मीरा रोड में पटाखे जलाते हिंदुओं को मुसलमानों ने धारदार हथियारों से वार कर अस्पताल पहुंचा दिया , क्या ऐसे लोगों से सावधान नहीं रहना चाहिए?
अंत में सवाल वही की आखिर इस मुस्लिम महिला को राम भक्तों के भंडारे का खाना खाना ही क्यों हैं, यदि इन्हें जय श्री राम से नफरत है..?