रामगोपाल मिश्र की हत्या केवल एक व्यक्ति की हत्या नहीं है अपितु ये एक सनातनी की हत्या है जो जेहादियों ने सोच समझकर की है और अब इसे उचित भी ठहरा रहे हैं। जिस अजमेर दरगाह पर लाखों हिंदू माथा टेकने जाते हैं उस दरगाह के सरवर चिश्ती की हिंदुओं के प्रति क्या सोच है ये हिंदुओं को समझने का प्रयास करना चाहिए... आज रामगोपाल मिश्रा की हत्या को जायज ठहरा रहा है हो सकता है कल को दरगाह जाने वाले हिंदुओं के साथ कुछ गलत हो और ये जैसे भी जायज ठहरा दे....
हिंदुओं के दिमाग में भले ही कोई शंका हो लेकिन इनके दिमाग में कोई शंका नहीं। इनके अनुसार हिंदुओं के साथ ऐसा होना उचित है जैसा बहराइच में रामगोपाल के साथ हुआ। इन्हें कोई दिक्कत नहीं की मुसलमानों द्वारा हिंदू जुलुश, यात्रा आदि पर पत्थर फेंके जाए, लोगों को मारा जाए, हिंदू बच्चियों के साथ जेहाद किया जाय... ये सब इनके अनुसार जायज ही हैं। मूर्ख तो वो हैं जो ऐसी मानसिकता को पहचानकर इसका बहिष्कार करने तैयार नहीं। मूर्खता का फल तो देर सबेर सबको मिलेगा ही
सरवर चिश्ती का यह बयान दैनिक भास्क समेत तमाम मीडिया रिपोर्टों पर प्रकाशित है। इसके अनुसार सरवर चिश्ती ने कहा, “घर पर चढ़कर हरा झंडा उतारकर धर्म विशेष का झंडा लहराया जा रहा है। तो फिर फूल तो बरसेंगे नहीं, जो हुआ यही होना था।”
सरवर चिश्ती ने इस घटना में रामगोपाल मिश्रा की हत्या की निंदा करने की जगह कहा- “अब तो ये आए दिन का हो गया है। हमारे मजहबी उलेमाओं की शान में गुस्ताखी की जाती है। कोई आज तक नहीं पकड़ा गया। हमारे जुलूस निकलते हैं हम तो किसी को गाली नहीं देते। शांति से जुलूस निकालते हैं ये सब सिर्फ एक तरफ से हो रहा है।”
अपने बयान में सरवर ने बाबा सिद्दीकी और सिद्धू मूसेवाला की हत्या को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए और कहा कि यहाँ नामचीन मुस्लिमों का मारा जा रहा, कभी सिखों को मारा जा रहा। इसमें सरकार का हाथ नहीं तो ऐसे कैसे हो सकता है।
सरवर चिश्ती के विवादित बयान
बता दें कि सरवर चिश्ती का ये पहला विवादित बयान नहीं है। सरवर चिश्ती वक्फ एक्ट में संशोधन की बात पर मुस्लिमों को भड़का चुके हैं।
उन्होंने कहा था कि भारत के अंदर पिछले कुछ साल से ऐसा सिस्टम चलाया जा रहा है, जिसके जरिए मुसलमान और इस्लाम के प्रति नफरत फैलाई जा रही है। कभी लव जिहाद, लैंड जिहाद, यूपीएससी जिहाद तो कभी हमारे पैगंबर मोहम्मद की शान में गुस्ताखी हो रही है। मदरसे और मस्जिद शहीद की जा रही है, जो कि नाकाबिले बर्दाश्त हो गई है।
इससे पहले सरवर चिश्ती ने अजमेर-92 फिल्म को लेकर विवादित बयान दिया था। रिपोर्टों के अनुसार, सरवर ने कहा था, “लड़की चीज ही ऐसी है… बड़े से बड़ा फिसल जाता है। आदमी पैसों से करप्ट नहीं हो सकता, मूल्यों से करप्ट नहीं हो सकता। लड़की चीज ही ऐसी है कि बड़े से बड़ा फिसल जाता है। वो थे ना जिनका नाम क्या था। जो पेड़ के नीचे बैठे थे, विश्वामित्र जैसे भटक सकते हैं। अच्छा जितने बाबा लोग जेल में हैं। ये सिर्फ वो हैं, जो लड़की के मामले में फंसे। यह ऐसा सब्जेक्ट है कि बड़े से बड़ा फिसल जाता है।”
इसी तरह 2022 में एक बार सरवर चिश्ती ने कहा था जब मुस्लिम समाज ने नुपूर शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर जुलूस निकाला तो फिर हिंदू समाज ने जुलूस क्यों निकाला?इससे भावनाएँ आहत पहुई। मुसलमान ये कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। सके अलावा सरवर ये भी कह चुके हैं कि नबी की शान में गुस्ताखी हुई तो हिंदुस्तान हिल जाएगा। उनका ये भी मानना है कि भारत सरकार ने जिस पीएफआई को देश में बैन किया है वो मुस्लिमों की आवाज उठाने वाला संगठन है।