शाजापुर मध्य प्रदेश से हिंदुओं को शर्मसार कर देने वाली और कानून के दोहरी रवैया को दिखाने वाली खबर सामने आई है। तीन मुसलमान भाई राम मंदिर में जाकर नमाज पढ़ते हैं रोके जाने के बाद भी उद्दंडता करते हैं और ऐसे लोगों को पुलिस द्वारा केवल नोटिस देकर छोड़ दिया जाता है। क्या हिंदू यदि जबरदस्ती किसी मस्जिद में जाकर हनुमान चालीसा पढ़ें तब भी पुलिस उन्हें नोटिस देकर ही छोड़ेगी?
सवाल यह भी उठना है कि आखिर राम मंदिर में उपस्थित पुजारी, भक्त कोई नहीं थे जो इन लोगों को रोक सके? और क्या इन मुसलमानों ने जो किया वो हराम नहीं? क्या इनका मजहब अनुमति देता है दूसरों की जगह पर बिना अनुमति लिए जबरन नमाज करने की? दुर्भाग्य है कि हिंदू आज भी अपने मंदिरों को सुरक्षा नहीं कर पा रहा तो भविष्य में क्या ही कर पाएगा?? अगर कोई हिंदू ऐसा कुछ किसी मस्जिद में जाकर करे तो मुसलमान क्या करेंगे ये तो सबको पता ही होगा।
शाजापुर, मध्य प्रदेश: भगवान राम के मंदिर में तीन मुस्लिम व्यक्तियों द्वारा जबरन नमाज़ पढ़ने का मामला सामने आया है। आरोपितों के नाम रुस्तम, अकबर और बाबू खाँ हैं, जो आपस में सगे भाई हैं और जिनकी उम्र 65 से 85 वर्ष के बीच है। पुलिस ने इन तीनों के खिलाफ FIR दर्ज कर उन्हें हिरासत में लिया, हालाँकि बाद में नोटिस देकर छोड़ दिया गया। यह घटना शनिवार (26 अक्टूबर 2024) की है। स्थानीय हिंदू समुदाय ने इस कृत्य को अपनी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला बताते हुए कड़ी कार्रवाई की माँग की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना शाजापुर के सलसलाई थाना क्षेत्र के गाँव किलोदा में हुई, जहाँ भगवान राम का मंदिर क्षेत्रीय हिंदुओं के लिए आस्था का मुख्य केंद्र है। मंदिर के पुजारी ओमप्रकाश शर्मा ने पुलिस में तहरीर दी, जिसमें बताया गया कि शाम करीब 5:45 बजे 85 वर्षीय अकबर, 65 वर्षीय रुस्तम और 70 वर्षीय बाबू खाँ मंदिर आए थे। तहरीर में पुजारी ने बताया कि तीनों ने मंदिर में रखे मटके के पानी से हाथ-पैर धोए और मंदिर परिसर में बैठकर नमाज़ पढ़ने लगे।
ओमप्रकाश ने आगे बताया कि रुस्तम, अकबर और बाबू ने मंदिर में रखे मटके के पानी से हाथ पैर धोए। इसके बाद ये तीनों मंदिर परिसर में ही बैठ कर नमाज़ पढ़ने लगे। पुजारी के विरोध के बावजूद तीनों आरोपित लगभग 20 मिनट तक मंदिर परिसर में रुके और बाद में वहाँ से चले गए। पुलिस के मुताबिक तीनों भाई बैंक में कुछ काम कर के लौट रहे थे। तभी नमाज़ का समय हो गया और ये तीनों मंदिर परिसर में ही नमाज़ पढ़ने लगे।
घटना के बाद स्थानीय निवासियों में रोष व्याप्त हो गया। पुजारी ने अपनी तहरीर में आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की है। पुलिस ने तुरंत मामले में केस दर्ज कर बाबू, रुस्तम और अकबर को हिरासत में लिया, और पूछताछ के दौरान आरोपितों ने अपनी गलती स्वीकार की। पुलिस ने FIR दर्ज कर इनका चालान किया, लेकिन 7 साल से कम की सजा का मामला होने के कारण इन्हें नोटिस देकर छोड़ दिया गया। मामले की जाँच और कानूनी कार्रवाई जारी है, और आगे इस पर कोर्ट में ट्रायल चलेगा।