एक देश एक चुनाव! मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल में वन नेशन, वन इलेक्शन कोविंद कमेटी प्रस्ताव को मंज़ूरी दी और शीतक़ालीन सत्र में पेश होगा। बोल्ड फैसला है। पिछले दो फैसले से सरकार ने झुकेगा नहीं साला थीम अपनाई है।
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पहले चरण में देश में लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ करवाए जाएँगे। इसके बाद दूसरे चरण में पंचायत और निकाय चुनाव एक साथ सम्पन्न करवाए जाएँगे। वैष्णव ने कहा, “कमिटी ने एक देश एक चुनाव पर बनाई गई कमिटी की संस्तुतियों को स्वीकार कर लिया है।”
शरद पवार, महबूबा मुफ्ती, नीतीश कुमार आदि ने इसका समर्थन किया है लेकिन कॉन्ग्रेस, आम आमदी पार्टी समेत कई दलों ने कैबिनेट के इस प्रस्ताव का विरोध किया है। कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वह इसे नहीं मानते हैं और लोकतंत्र में यह नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को चलाने के लिए जब चाहिए तब चुनाव करवाना पड़ेगा।