राजस्थान में शिक्षा मंत्री श्री मदन दिलावर जी ने स्कूली किताबों में अकबर के पढ़ाए जाने को बंद करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि मुगल सम्राट अकबर का महिमामंडन करने वाली और उसे महान बताने वाली सभी पुस्तकें जला दी जाएंगी। वीडियो👇
मदन दिलावर जी नेअकबर की आलोचना करते हुए कहा कि उसने सालों तक देश को लूटा और यह भी कहा कि अब भविष्य में किसी को भी मुगल सम्राट की महान व्यक्तित्व के रूप में तारीफ करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि अकबर की तुलना महाराणा प्रताप से करना राजपूत योद्धा राजा और राजस्थान के गौरव का अपमान है। उन्होंने महाराणा प्रताप को जनता का रक्षक बताया और उन्होंने कभी भी झुकना मंजूर नहीं किया। वहीं अकबर ने अपने फायदे के लिए कई लोगों की हत्या करवा दी। उन्होंने कहा कि अकबर को महान कहना मूर्खता है। दिलावर ने कहा कि मेवाड़ क्षेत्र और राजस्थान के लिए उन लोगों से बड़ा कोई दुश्मन नहीं है जो अपनी स्कूली किताबों में अकबर की तारीफ करते हैं और उसे महान कहते हैं।
अकबर को महान बता देने वाली किताबें जला दी जाएंगी
मंत्री ने कहा कि हमने सभी क्लास की किताबें देखी हैं और हमें अभी तक किताबों में अकबर के महान होने का जिक्र नहीं मिलता है। अगर ऐसा है, तो सभी किताबें जला दी जाएंगी। मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप को मुगल साम्राज्य के खिलाफ उनके रुख के लिए जाना जाता है।
हल्दीघाटी का युद्ध क्या था
अब हम बात करें हल्दीघाटी के युद्ध की तो एक तरफ अकबर के भरोसेमंद सेनापति मान सिंह प्रथम के नेतृत्व में मुगल सेना थी। दूसरी तरफ मेवाड़ के राजपूत राजा महाराणा प्रताप थे, जो मुगलों के विस्तार के खिलाफ अपने राज्य की रक्षा करने के लिए टिके हुए थे। हालांकि युद्ध के मैदान पर कंट्रोल करने के मामले में मुगल सेना जीत गई, लेकिन युद्ध से मेवाड़ पर पूरी तरह से विजय नहीं हुई। महाराणा प्रताप अपनी जान बचाकर भागने में कामयाब रहे और क्षेत्र में मुगलों का विरोध करना जारी रखा। इस युद्ध को राजपूत इतिहास में प्रतिरोध और बहादुरी के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है। महाराणा प्रताप ने मुगल शासन के खिलाफ झुकने से मना कर दिया था।