छोटी छोटी बातों पर कानून को ताक पर रख , संविधान का अपमान कर देश को अस्थिर करने निकल पड़ते हैं कट्टरपंथी इस्लामिस्ट और हमारे देश का कानून इन्हें रोक नहीं पाता ,अपितु इनसे कभी जूते तो कभी पत्थर खाता है। जिस देश में पुलिस खुद पीड़ित है उस देश का आम नागरिक, खासकर हिंदू कैसे सुरक्षित रह सकता हैं? क्या ऐसा देश वाकई विकसित राष्ट्र बन सकता है!!!
उड़ीसा में किसी विवादित सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर कट्टरपंथी इस्लामीस्टो ने पत्थरबाजी की और केवल आम जनता पर नहीं बल्कि पुलिस वालों पर भी जमकर पत्थर बाजी की जिसमें तीन पुलिस के बड़े अधिकारियों के भी घायल होने की खबर है। कट्टरपंथियों की स्थिति इतनी गंभीर कर दी की प्रशासन को हर प्रकार के इंटरनेट कनेक्शन को बंद करना पड़ा। यह वही कट्टरपंथी है जो अन्य पंथ, धर्म पर उल्टे सीधे बयान देते हैं, पोस्ट करते हैं, उन्हें खत्म कर देने तक की बातें करते हैं।
ओडिशा के भद्रक जिले में एक विवादित सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। इस घटना में कट्टरपंथी मुस्लिमों की भीड़ ने पुलिस पर भी जमकर पत्थरबाजी की है, जिसमें तीन वरिष्ठ पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। भद्रक में स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि एसडीएम ने आदेश जारी कर हर तरह के इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी है। फिलहाल पूरे इलाके में भारी सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये घटना पुरुना बाजार थाना इलाके की है। यहाँ घटना की शुरुआत तब हुई, जब एक स्थानीय व्यक्ति द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई सामग्री को कट्टरपंथी मुस्लिमों ने आपत्तिजनक बताया। इसके बाद कट्टरपंथियों ने रैली आयोजित की और भीड़ इकट्ठी की। उन्होंने नारेबाजी करते हुए सड़क को जाम कर दिया, और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।
भद्रक जिले में कचेरी बाजार-पुरुनाबाजार को जोड़ने वाले संथिया पुल पर हिंसक प्रदर्शन देखते ही देखते बढ़ गया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसके अलावा, कई इलाकों में तनाव और अफवाहें फैलने लगीं। इस बीच, इलाके में दो समुदाय के बीच बनी तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए 7 प्लाटून पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।
हालाँकि, इस्लामी कट्टरपंथियों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा था, जिससे प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करनी पड़ी। भद्रक जिले में बढ़ते तनाव के बीच पुलिस ने अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की है। हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने धारा 163 के तहत कार्रवाई की है, जिसमें हिंसा फैलाने वाले दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात कही गई है। धारा 163 के तहत प्रशासन को किसी भी व्यक्ति पर कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार होता है, यदि वह सामाजिक या धार्मिक उन्माद फैलाने का दोषी पाया जाता है।
पूर्वी रेंज के DIG सत्यजीत नाइक ने बताया, हमने स्थिति को नियंत्रित करने और इलाके में शांति बनाए रखने के लिए पुरुना बाजार इलाके में BNSS की धारा 163 लागू कर दी है। सुरक्षा बल की तैनाती की गई है जो इलाके में फ्लैग मार्च कर रहे हैं। इलाके में नाकाबंदी भी की जा रही है… FIR दर्ज़ कर ली गई है और दोषियों की पहचान कर ली गई है। दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
साल 2017 में एक महीने तक जारी रहा था कर्फ्यू
बता दें कि साल 2017 में भद्रक जिला सांप्रदायिक दंगों की चपेट में आ चुका है। उस समय हुई हिंसा में सैकड़ों दुकानों, मकानों को जला दिया गया था, जिससे करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ था। भद्रक जिले में 1 महीने तक कर्फ्यू लगाया गया था। वो दंगे भी इसी पुरुना बाजार इलाके में हुए थे, जिसमें इस्लामी कट्टरपंथियों ने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ जैसे नारे लगाए थे। फिलहाल प्रशासन की कोशिश है कि हालात जल्द से जल्द सामान्य हो जाएँ, लेकिन इस्लामी कट्टरपंथियों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं, हिंसा में शामिल दोषियों की पहचान की जा रही है, और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।