अब्दुला हो या कांग्रेस ये खुलकर धारा 370 पुनः लागू करने का दावा कर रहे हैं लेकिन केवल यही नहीं पाकिस्तान भी कश्मीर में धारा 370 की वापसी चाहता है, तो क्या कांग्रेस ,पाकिस्तान का एजेंडा आगे बढ़ा रही है? देशवासी समझदार बनें और सही चुनें....
धारा 370 हटाने के बाद कश्मीर में सब ठीक हो रहा है लेकिन विवाह कांग्रेस को हजम नहीं हो रही। अनेकों बार हमने देखा है कि कांग्रेस के और देश विरोधियों के साथ मिलते पाए जाते हैं कभी कांग्रेस चीन के साथ खड़ी पाई जाती है तो कभी पाकिस्तान के साथ। खैर गलती इनकी नहीं उनकी है जो ऐसे लोगों को वोट देकर इनकी शक्ति बढ़ाते है और देश को कमजोर करते हैं
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि कॉन्ग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 की वापसी पर एक साथ हैं। ख्वाजा आसिफ ने यह बयान एक टीवी इंटरव्यू में दिया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री के इस बयान के बाद कॉन्ग्रेस घिर गई है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कॉन्ग्रेस और पाकिस्तान के इरादे और एजेंडा एक ही हैं।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने यह बयान जम्मू कश्मीर में हो रहे हालिया चुनावों को लेकर दिया है। उन्होंने पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर के शो कैपिटल टॉक में कहा, “जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 की वापसी संभव है। जम्मू कश्मीर में कॉन्ग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का काफी प्रभाव है। इस बात की काफी संभावना है कि यह गठबंधन सत्ता में आए। उन्होंने इसे चुनावी मुद्दा बनाया है… कॉन्ग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस और पाकिस्तान अनुच्छेद 370 वापस लागू करने को लेकर एक पेज पर हैं।”
ख्वाजा आसिफ ने इसके अलावा यह भी कहा कि अगर यह गठबंधन सत्ता में आया तो पाकिस्तान के भारत के साथ रिश्ते सुधर सकते हैं। उन्होंने तर्क दिया कि इसका कारण कॉन्ग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस की नीतियाँ होंगी। ख्वाजा आसिफ ने कहा कि उनसे पहले की इमरान खान वाली सरकार और फ़ौज के पूर्व मुखिया जनरल बाजवा ने भारत को लेकर डरने वाला रवैया अपना लिया था। उन्होंने इस बीच कश्मीर को लगातार पाकिस्तान द्वारा किया जाने वाला प्रलाप भी दोहराया।
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री के इस बयान के बाद अब कॉन्ग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस पर प्रश्न उठाए गए हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने इस मामले पर एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “पाकिस्तान के रक्षा मंत्री की अनुच्छेद 370 और 35A पर कॉन्ग्रेस और JKNC के समर्थन की बात ने एक बार फिर कॉन्ग्रेस को एक्सपोज कर दिया है। इस बयान ने पुनः यह स्पष्ट कर दिया है कि कॉन्ग्रेस और पाकिस्तान के इरादे भी एक हैं और एजेंडा भी। पिछले कुछ वर्षों से राहुल गाँधी देशवासियों की भावनाओं को आहत करते हुए हर एक भारत विरोधी ताकतों के साथ खड़े रहे हैं।”
गृह मंत्री अमित शाह ने अपना हमला जारी रखते हुए लिखा, ” एयर स्ट्राइक व सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत माँगने हों, या भारतीय सेना के बारे में आपत्तिजनक बातें करना हो, राहुल गाँधी की कॉन्ग्रेस पार्टी और पाकिस्तान के सुर हमेशा एक रहे हैं और कॉन्ग्रेस का हाथ हमेशा देशविरोधी शक्तियों के साथ रहा है। लेकिन, कॉन्ग्रेस पार्टी और पाकिस्तान यह भूल जाते हैं कि केंद्र में मोदी सरकार है, इसलिए कश्मीर में न तो अनुच्छेद 370 वापस आने वाला है और न ही आतंकवाद।’
कॉन्ग्रेस ने अभी इस मामले पर कोई सफाई जारी नहीं की है। वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्लाह ने इस मामले पर कहा है कि पाकिस्तान को अपने मुद्दे देखने चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को हमसे कोई लेना-देना नहीं है और हम उनका हिस्सा नहीं है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान को अपना लोकतंत्र बचाना चाहिए और हमें अपने लोकतंत्र में हिस्सा लेने दें। हालाँकि, उमर अब्दुल्लाह ने कहा कि पाकिस्तान का भारत के चुनाव पर टिप्पणी करना सही बात नहीं है। हालाँकि, उमर अब्दुल्लाह ने 370 वाली बात पर कुछ नहीं कहा।
कॉन्ग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस समेत PDP को पीएम मोदी ने भी घेरा है। गुरुवार (19 सितम्बर, 2024) को श्रीनगर में एक रैली को संबोधित करने हुए पीएम मोदी ने कहा, ”पिछले 35 वर्षों में कश्मीर 3000 दिन बंद रहा है, यानि यह 35 साल में से 8 साल बंद में गुजर गए। पिछले पाँच साल में 8 घंटे भी कश्मीर बंद नहीं हुआ। ये अपने किया है। क्या आप चाहते हैं कि वो पुराने दिन फिर लौटें, क्या आप चाहते हैं कि फिर खून खराबा हो, कमजोर तबकों के हक़ मारे जाएँ?”
पीएम मोदी ने इस दौरान भाजपा द्वारा किए गए वादे भी गिनाए। उन्होंने कहा कि वह जम्मू कश्मीर को विकास देना चाहते हैं जबकि विपक्षी पार्टियां हड़तालें और बंद देना चाहती हैं। इस दौरान उन्होंने कश्मीरी पंडितों का भी मुद्दा उठाया। पीएम मोदी की इस रैली में भारी भीड़ उमड़ी थी।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री के इस बयान के बाद अब कॉन्ग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस बैकफुट पर है जबकि भाजपा इस मामले में हमलावर है। वह कॉन्ग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर पाकिस्तान के साथ हाथ मिलाने का आरोप लगा रही है। यह बयान जम्मू-कश्मीर चुनावों के बीच बड़ा मुद्दा बन गया है।