ये कोई आश्चर्य की बात नहीं अपितु सच है की एक मानसिकता जो किसी को सगी नहीं वो पूरे विश्व को तबाह करने में लगी हुई है। शेख हसीना जो एक मुश्लीम हैं और मुसलमानों से अपनी जान बचाने के लिए 56 मुश्लिम मुल्क होने के बावजूद भारत भागकर आती हैं...
शेख हसीना को गलती ये थी की उसने विनाश के बदले विकास को चुना था और बांग्लादेश की स्थिति में सुधार लाया था, लेकिन कयामत की चाहत रखने वाले जेहादियों को विकास से क्या लेना देना है। ये बात भारत की जनता और भारत सरकार को भी समझना चाहिए । जितना विकास हो रहा है वो सब ये जेहादी मानसिकता जलाकर खाक कर दे इससे पहले इस घटिया मानसिकता कर अंकुश लगाना जरूरी है