भारत में वर्तमान सरकार लगतरा रेलवे की स्थिति को सुधारने में लगी है ताकि पैसेंजर को सुविधा भी अच्छी मिले और रेल हादसों में कमी आए लेकिन ये बाद एक मानसिकता को बिलकुल अच्छी नहीं लग रही और वो रेल एक्सीडेंट जेहाद ने जुटी हुई है। हर बार रेल हादसों में षड्यंत्र का संदेह हुआ लेकिन अब अलीगढ़ हादसे में षड्यंत्र का खुलासा हुवा है।
अलीगढ़ में एक मालगाड़ी को डिरेल कहने का प्रयास किया गया जिसके बाद पटरी पर से बाइक का alloy wheel प्राप्त हुवा और साजिशकर्ता के रूप में "अफसान" का नाम सामने आया है। अब हो सकता है इनके संगठन किसी प्रकार इसे बचा लें लेकिन सच्चाई तो सरकार, प्रशासन और जनता को समझनी ही होगी। ये मानसिकता और इनके राजनीति संरक्षण करता जो हर रेल हादसे के बाद ऐसे सरकार को घेरते हैं जैसे उनके काल में रेल हादसे होते ही नहीं थे ,ये सब क्या कर रहे हैं ये सबको समझना चाहिए
टाइम्स नाऊ की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपित का नाम अफसान है। उसी पर ट्रेन को डिरेल करने की साजिश रचने का आरोप है। कहा जा रहा है कि अगर 20 अगस्त की सुबह 7:45 बजे तलासपुर गाँव से गुजरते हुए थर्ड लाइन पर मालगाड़ी की स्पीड कम नहीं होती तो हादसा हो सकता था। गनीमत ये रही कि उस समय मालगाड़ी की स्पीड कम थी और व्हील के ट्रेन से टकराते ही इमरजेंसी ब्रेक लगाने से ट्रेन रुक गई।
बाद में इस घटना की जानकारी सुरक्षाकर्मियों को दी गई और फिर पड़ताल शुरू हुई। आरपीएफ के एएसआई धीरज ने अपनी टीम के साथ मौके पर पहुँचकर सब देखा तो उन्हें मौके पर से बाइक का एलॉय व्हील एक प्लास्टिक के बोरे में भरा पड़ा मिला। इसके साथ ही ट्रैक के पास कुछ टूटे हुए टुकड़े भी मिले। बाद में रिपोर्ट तैयार करके उच्च अधिकारियों को भेजी गई जिसके बाद घटना करने वालों की तलाश शुरू हुई।
अंदाजा लगाया गया कि ये काम किसी बाइक चोरी करने वाली गैंग का हो सकता है जिन्हें बाइक के टुकड़े करके बेचना हो और वो चाहते हों कि इसके टायर के भी टुकड़े हो जाए। हालाँकि बाद में इस मामले में अफसान का नाम सामने आया। रिपोर्ट में अफसान को कैलपुर का निवासी बताया जा रहा है। अब सुरक्षाकर्मी उससे आगे की पूछताछ करेंगे। वहीं कुछ संदेह होने पर पुलिस को सूचित करके इस मामले में केस दर्ज करवाया जाएगा।
मालूम हो कि इस घटना से कुछ दिन पहले कानपुर में साबरमती एक्सप्रेस को पलटने की साजिश सामने आई थी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने साफ बताया था कि रेल किसी भारी चीज से टकराने के बाद डिरेल हुई है। इस हादसे में साबरमती एक्सप्रेस के 22 डिब्बे डीरेल हो गए थे।

