हिन्दुओं के विरुद्ध हिंसा में जलाया जा चुका है मंदिर तथा बाकी सब सामान। दो बार कार्यवाहक पीएम से गुहार के बावजूद कोई राहत नहीं मिली अब देश छोड़ने पर विचार।
इस्कॉन वही हिन्दू मंदिर है जिसने हाल में आई बाढ़ के समय दो लाख बांग्लादेशियों को दोनों वक्त का भोजन पूरे डेढ़ महीने कराया था । जिन्होंने मुंह से खाया उन्होंने ही आंखों से लजाया मन्दिर जलाया। बेबसी देखिए अब आगे रुकने का कोई लाभ नहीं। मुख्यालय से वापसी आदेश की प्रतीक्षा
ये सच्चाई सभी बड़े बड़े समाज सेवी संगठनों, मंदिरों आदि के लिए एक सबब है की वो मदद, दान आदि भी शास्त्रों के अनुरूप उनकी करें जो उसके लायक है। जो हमारे धर्म से घृणा करते हों जो हमें निपटाने के लिए अवशर की प्रतीक्षा में हैं उनकी मदद करना मूर्खता ही नहीं पाप है जिसका फल ऐसे ही मिलता है। यही है कर्मफल विधान