क्या अल्ला के नाम पे लोग दूध नहीं लेंगे?क्या पैगंबर साहब के नाम पे दुकान न चलेगी?क्या खुदा के नाम पे पेट नहीं भरेगा क्या ?आखिर क्यों ? क्या पहचान छुपा कर लोगों को धोखा देना इनको मजहब में हराम नहीं है?
दुकान का नाम:- श्री कृष्णा दूध भंडार
मलिक का नाम:- शाह आलम
ऑनलाइन पेमेंट के क्यूआर कोड से पकड़ा गया!
यह लोग अपने धर्म के पूज्य लोगों के नाम पर बिजनेस क्यों नहीं करते ?
क्या यह भी मानते हैं कि हिंदू देवी देवताओं के नाम से बिजनेस करना इसलिए आसान है क्योंकि हिंदू ईमानदारी नैतिकता साफ सफाई में सबसे आगे होते हैं।
आश्चर्य तो और तब भी होता है कि यही लोग जब भारत माता की जय" और वंदे मातरम का बोलना होता है तो कहते हैं कि अल्लाह हमें इसकी इजाजत नहीं देता! हम अल्लाह के अलावा किसी की इबादत नहीं करते!
पूछना चाहता हूं क्या अल्लाह हिंदू देवी देवताओं के नाम की दुकान खोलकर व्यापार करने की अनुमति देता है ? अगर हां तो क्यों दे देता है? तब इस्लाम ख़तरे में नहीं आता ? यह दोगलापन क्यों? कांग्रेस इंडि गिरोह जवाब दे
शायद यही कारण है कि कांग्रेस और उसका गिरोह यूपीआई पेमेंट सिस्टम का विरोध कर रहे थे क्योंकि "यूपीआई सिस्टम" से हकीकत असलियत सामने आने का डर था और ब्लैक मनी "कालाधन" का पर्दाफाश का भी होने का भी डर था।