मटरचोर टाइप के कैसे होते हैं तो इसे देख लो। अग्निवीर से खीज पर कुछ भी भौंके जा रही है। अगर पंजाब में किसी "अग्निवीर" ने लूटपाट की तो 18 जुलाई को ही UP में एक छुट्टी पर आए सामान्य सैनिक ने भी दो दोस्तों के साथ लूटपाट की है।
तो क्या पूरी सेना ही बन्द कर दें? कोई इस गालीबाज से पूछे।
और इसका वो भगोड़ा दाल बहादुर जो 1 करोड़ में मोदी को मारने को तैयार था, वो कौन सा अग्निवीर था।
दरअसल दुनिया की हर सेना में ऐसे लोग मिल जाते हैं। लेकिन वहां के लोग इसके लिए अपनी सेना को दोष नही देते। जिस UP की बात मैं बता रहा वहां जो सैनिक अपने दो दोस्तों के साथ लूटपाट कर रहा था उसमें से एक 45 लाख की लूट पहले भी कर चुका। कहने का मतलब की लूट करना या कट्टा सीखने के लिए सेना की जरूरत नही। जो अपराधी किस्म का होगा वो बिना सेना में जाये भी सीख जाएगा। सेना तो अनुशासन सिखाती है। एक जिम्मेदार इंसान बनाती है। अब कोई पैदाइशी दिमाग से पैदल है तो उसका इलाज तो उनका बाप तक नही कर सकता तो बाकी क्या ही कर लेंगे। वहां वो उसी तरह जी हाँ करेगा जैसे एक नशेड़ी नशा मुक्ति केंद्र में करता है और बाहर निकलकर वापिस नशे की तरफ भागता है।