उत्तरप्रदेश में सपा और देश में कांग्रेस चुनाव में यदि एक भी सीट प्राप्त करती है तो इनको वोट देने वाले हिन्दुओं पर तरस आता है।ये कैसा समाज है जो अपने ही भक्षकों को जातिवाद, क्षेत्रवाद और निजी स्वार्थ के कारण सत्ता प्राप्त करने देता है।
हिन्दू समाज पहले क्रमवार अपनी प्राथमिकताएं तय करें। आपको सत्ता से क्या चाहिए ? आपको आपके द्वारा चुने गए विधायक या सांसद से क्या चाहिए ?
📌 राष्ट्रवाद का एजेंडा (राष्ट्र हित के मुद्दे)
📌 विकास का एजेंडा (देश के विकास से जुड़े तमाम कार्य)
📌 हिंदुत्व का एजेंडा (हिन्दू हित से जुड़े तमाम कार्य)
📌 जातिवाद (अपनी जाति से जुड़े मुद्दे)
📌 क्षेत्रवाद (अपने क्षेत्र/गली/मोहल्ले से जुड़े मुद्दे)
📌 निजी स्वार्थ (निजी कार्य, निजी व्यवहार आदि)
मेरी लिस्ट में अंतिम 3 बिंदुओं की कोई जगह नहीं है। मेरी प्रथमिकताएं प्रथम 3 बिंदुओं की तरह क्रमवार है। प्राथमिकता अनुसार इन्हीं 3 बिंदुओं की कसौटी पर मै सत्ता (भाजपा सरकार), विधायक या सांसद (भाजपा) के कार्यों की तुलनात्मक समीक्षा करता हूं। जिससे मुझे पता चलता है की मैंने जो चुनाव किया था क्या वो मेरी प्राथमिकताओं पर खरा उतर सका या नहीं।
यदि सरकार या मेरे द्वारा चुना गया जन प्रतिनिधि मेरी प्राथमिकताओं पर 10-20-50 प्रतिशत ही खरा उतरता है या बिल्कुल भी खरा नहीं उतरता है तो अगला चुनाव करते समय मुझे क्या करना चाहिए ?
ऐसी स्थति पर अधिकतर हिन्दू समाज वोट डालने नहीं जाता, नोटा दबा देता है, या भाजपा के खिलाफ किसी अन्य दल के प्रतिनिधि को वोट देकर अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार लेता है।
मोदी तुमसे बैर नहीं, वसुंधरा तेरी खैर नहीं.. टिकट वितरण या एससी एसटी अध्यादेश से नाराज सवर्ण हिन्दू वोटर.. भाजपा के नेता घमंडी हो गए है, आत्ममुग्ध हो गए है सोचने वाला हिन्दू वोटर, सांसद या विधायक कार्यकर्ताओं की इज्जत नहीं करते ऐसा सोचने वाला कार्यकर्ता.. सांसद या विधायक ने मेरा फलाना निजी काम नहीं किया सोचने वाला व्यक्ति.. वक़्त है बदलाव का.. आदि..
ये सब करते समय हिन्दू समाज यह भूल जाता है कि भाजपा के खिलाफ जा कर वो उनको दुबारा सत्ता में ला रहे है जो :
📌 कारसेवकों पर गोलियां चलवाते है,
📌 हिन्दू साधु संतों को लाठी दंडो से पिटवाते है,
📌 हिन्दू आतंकवाद की थ्योरी को जन्म देते है,
📌 भाजपा आरएसएस हिंदुत्व की बात करती है इसलिए भाजपा और आरएसएस को आतंकी संगठन कहते है,
📌 हिंदुत्व की विचारधारा का विरोध करते है,
📌 दोगले/एकतरफा सेकुलरिज्म की वकालत करते है,
📌 समुदाय विशेष का तुष्टिकरण करते है,
📌 टुकड़े टुकड़े गैंग के साथ खड़े रहते है,
📌 देशद्रोहियों के साथ खड़े रहते है,
📌 हिन्दुओं के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा बिल लाते है,
📌 देशद्रोह का कानून खत्म करना चाहते है,
📌 आतंकियों की मौत पर आंसू बहाते है,
📌 उत्तरप्रदेश में एक लाल टोपा पार्टी आतंकियों को पनाह देती है, वोटबैंक के लिए आतंकियों को छोड़ने का आदेश देती है।
📌 भगवान राम को काल्पनिक कहते है,
📌 राम मंदिर निर्माण में रोड़े अटकाते है,
📌 बाबरी वालों के पक्ष में वकालत करते है,
📌 जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35ए लगाते है,
📌 अनुच्छेद 370 और 35ए हटाए जाने पर विरोध करते है,
📌 मोदी सरकार के विरुद्ध तरह तरह के षड्यंत्र रचते है,
📌 अलगाववादियों का समर्थन करते है,
📌 पाकिस्तान की भाषा बोलते है,
📌 हजारों सिक्खों की हत्या करते है,
📌 करोड़ों अरबों के घोटाले करते है,
आदि बहुत सी बातें है जो हिन्दू समाज भूल सकता है, परन्तु मै कभी नहीं भूल सकता..
भाजपा में कई खराबी हो सकती है, परन्तु भाजपा राष्ट्रद्रोही, हिंदुत्व विरोधी नहीं है। भाजपा वोट बैंक के लिए देश की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं करती। तुष्टिकरण के लिए देशद्रोहियों के साथ नहीं खड़ी होती।
इसलिए यदि भाजपा सरकार या भाजपा का जन प्रतिनिधि मेरी प्राथमिकताओं पर खरा नहीं भी उतरता है तो भी मै अपने देश, अपने क्षेत्र का भविष्य ऐसे लोगों के हाथों नहीं सौंप सकता जिनका नेतृत्व, जिनका अतीत गद्दारी, हिन्दू दमनकारी तुष्टिकरण और देशद्रोही कृत्यों से भरा पड़ा है।
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