पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नान्डिस साहब ईसाई धर्म को मानते थे.... पक्के समाजवाद के योद्धा थे...गरीब की कमजोर की लड़ाई लड़ते राजनीति के शिखर को छुआ...
उन्हें कभी चुनाव लड़ने को कोई ईसाई बहुल सीट न तलाश करनी पड़ी बिहार के उन इलाको से जीते जहाँ ईसाई नाम को भी नहीं....
हिन्दुओं में सवर्ण भी उन्हें वोट दिये... ओबीसी भी.... और दलित भी....
किसी को उनके ईसाई होने से कभी कोई दिक्कत नहीं रही...
अगर गाँधी परिवार की आस्था ईसाई पंथ में है.... इस बात से किसी अन्य का लेना देना नहीं....
लेकिन अगर वे इस बात को छिपाते हैं.... निश्चय ही देश को धोखा देते हैं