मुन्ना भाई एमबीबीएस में बाबूजी पहुँचते है तब मुन्ना के गुर्गे मरीज बन जाते है। उनमें एक मरीज बाबूजी को देखते ही छाती पकड़कर बैठ जाता है। तब बाबूजी कहते है कि जब हम पिछली बार आये थे, तब भी यहीं थे।
तो मुन्ना बाबूजी को भटका देता है और फिर अपने गुर्गे को खोपचे में ले जाकर कहता है, ‘तुझे एक ही बीमारी आती है? छाती पकड़कर है, है, है’
रील से इतर रियल दिल्ली में कमोबेश यही सबकुछ घटित हो रहा है। जो भी मोहिनी थिएटर्स ऑफ ड्रामा कंपनी सदस्य दारू की गिरफ्त में आते जा रहे है तब उनका तकिया कलाम है, ‘मुझे बीजेपी में शामिल होने का दबाव बनाया जा रहा है’
टॉप लीडर्स से लेकर कार्यकर्ता तक सब यही रट रहे है।
अभी मार लेना मैडम ने भी खुद पर बीजेपी में जाने का प्रेशर करार दिया है।
ये लोग छोटे मोटे खुलासे तो करते नहीं है सभी बड़े खुलासे होते है।
#प्रोफेसरलेक्चर