बाबा रामदेव के कथित भ्रामक दावे दिखे और उन्हें लगातार मीडिया से लेकर कोर्ट तक जलील भी किया जा रहा है यहां तक की इस मामले में माननीय जज साहब "अहसानुद्दीन अमानुल्लाह" ने ऐसी टिप्पणी कर दी जिसका अब विरोध भी हो रहा है। वही सोशल मीडिया पर लोग IMA से भी सवाल कर रहे हैं की आखिर अन्य प्रोडक्ट्स के भ्रामक दावे , ईसाई मिशनरियों के खेल इन्हें क्यों नहीं दिख रहे..ये वीडियो देखिए और इस मामले के पीछे के खेल को समझिए...हिंदू इस सिस्टेमेटिक षड्यंत्र के हिस्सा ना बने
ऐसा लग रहा है मानों भारत में ही भारतीय संस्कृति को, भारतीय विज्ञान को दबाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है, योग , आयुर्वेद को आगे बढ़ने से रोकने का खेल किया जा रहा है। संतों, संन्यासियों को अपमानित कर हिंदुओं को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। हिंदुओं को इन सारे षड्यंत्रों को समझना होगा और हर उस व्यक्ति, संगठन के साथ खड़ा होना होगा जो हमारे देश, हमारी सभ्यता, संस्कृति, धर्म के लिए कार्यरत है। ध्यान रहे IMA कोई सरकारी संस्था नहीं अपितु एक ऐसी संस्था है जो एलोपैथी को फैलाना चाहती है और IMA के मुखिया की मंशा तो ईसाइयत फैलाने की है।
सोचिए IMA = INDIAN MEDICAL ASSOCIATION YA ISAI MEDIAL ASSOCIATION
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट बाबा रामदेव और पतंजलि के खिलाफ सुनवाई कर रहा है। IMA ने साल 2022 में याचिका दायर करते हुए पतंजलि पर भ्रामक विज्ञापन देने का आरोप लगाया था। 10 अप्रैल 2024 को भी इस मामले में सुनवाई हुई और इस दौरान केस में काफी सख्त टिप्पणी की गई।
रिपोर्टों के मुताबिक, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह इतने नाराज हो गए कि उन्होंने ‘बखिया उधेड़ देने’ जैसी बात कही। इसके अलावा पतंजलि द्वारा जो हलफनामा दिया गया कि वो बिन शर्त मामले में माफी माँगने को तैयार हैं, उसे भी कोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया। कोर्ट का कहना है कि वो इस मामले में कोई उदारता नहीं दिखाने वाले।
जस्टिस की ऐसी टिप्पणी सुनने के बाद पतंजलि के मामले में दिखाई जा रही सख्ती पर सवाल उठने लगे हैं। पूछा जा रहा है कि IMA की शिकायत के बाद पतंजलि के साथ जो हो रहा है, उसके पीछे कारण भ्रामक प्रचार ही है या मंशा अलग है?
यूजर्स उन उत्पादों के नाम बता रहे हैं जिन्हें फर्जी दावों के साथ बेचा जाता है, जो शरीर के लिए नुकसान दायक हैं लेकिन फिर भी कभी IMA ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने की नहीं सोची। इन उत्पादों में लाइफब्वॉय जैसे प्रोडक्ट के उदाहरण हैं, जो कीटाणु मारने का दावा करता है; ऐसी खतरनाक ड्रिंक जिन्हें एनर्जी ड्रिंक कहकर बेचा जा रहा है।
गलती किसकी?
इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय ने भी उठाया है। 10 अप्रैल 2024 को उनके एक्स अकॉउंट पर साझा वीडियो में वो कहते हैं कि इस मामले में कुछ लोगों को लग रहा है कि सुप्रीम कोर्ट पतंजलि को बोलकर गलत कर रहा है, तो कुछ को लगता है कि बाबा रामदेव ने कुछ ऐसा कर दिया है जिससे उन्हें फटकार लग रही है।
इसके बाद उन्होंने कार्यक्रम में साल 1954 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा बनाए गए कानून का जिक्र किया। उन्होंने बताया इस कानून में कहा गया था कि कुछ बीमारी ( जैसे अंधापन, बहरापन, हकलाना, तुतलाना, कैंसर, मोटापा, डायबिटीज, पागलपन, लकवा, नपुंसकता, बाझपन, टीबी, टयूमर ) के लिए प्रचार नहीं हो सकता।
अश्विनी उपाध्याय दावा करते हैं कि ये कानून नेहरू उस लॉबी के दबाव में लेकर आए थे जिनके पास इन बीमारियों का इलाज नहीं था। लॉबी ने उनसे कहा कि ऐसा कानून बनाओ और इनका प्रचार करने को अपराध बनाओ… आज चूँकि पतंजलि ऐसी बीमारियों का इलाज बता रहा है और अपना प्रचार कर रहा है तो उनके विरुद्ध सख्ती दिखाई जा रही है।
उन्होंने ये बात भी गौर करवाई कि जिन बीमारियों को ठीक करने के दावे करने पर IMA ने बाबा रामदेव और पतंजलि की शिकायत कर दी, उन्हीं बीमारियों को ठीक करने के दावे पंजाब में हो रहे हैं, और धर्मांतरण करवाया जा रहा है।
मालूम हो कि अश्विनी उपाध्याय का ऐसा आरोप पतंजलि मामले में सामने आया है लेकिन IMA का ईसाई धर्म के प्रति झुकाव की खबरें बहुत पहले से आती रही हैं। इसके अध्यक्ष ने क्रिश्चियनिटी टुडे को दिए गए एक इंटरव्यू में कह दिया था– “मैं मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर हूँ, और यह मेरे लिए एक अच्छा मौका है कि मैं ईसाई धर्म की उपचार पद्धतियों का प्रसार कर सकूँ।” जबकि जब बात आयुर्वेद को बढ़ावा देने की आई थी तो उन्होंने आरोप लगाया था कि भारत में हिन्दू पद्धति पर सरकार ज़ोर दे रही है।
ऐसे समय में जब IMA की शिकायत पर पतंजलि के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट अपनी सुनवाई कर रहा है और ऐसी ईसाई संस्थाओं पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही, तब सोशल मीडिया के यूजर्स लोगों का ध्यान इस ओर खिंचवा रहे हैं।
‘नो कन्वर्जन’ नाम के एक्स हैंडल ने पादरी अंकुर नरूला की वो वीडियो को शेयर की जिसमें वो दावा कर रहे थे कि उन्होंने उन महिलाओं को ठीक कर दिया है जिनका यूटरेस बाहर आ रहा था। इस वीडियो में वो साफ कह रहे हैं कि उन्होंने प्रार्थना करके महिलाओं को वाशरूम में भेजा कि वो चेक करें कि वो ठीक हुईं या नहीं। उन महिलाओं ने बाहर आकर बताया है कि वो ठीक हो गई हैं। इसमें पादरी कहता है ये भी कहता है कि परमेश्वर आज ठीक करने के लिए आया है आपको।