इंदिरा गांधी ने 1970 में कई करोड़ मुस्लिम शरणार्थियों को देश में बसाया
इस घटना के बाद भारत में काले धन की अर्थव्यवस्था बन गई और लोग टैक्स बचाने के लिए नंबर दो में काम करने लगे.
बीस साल के अंदर देश दिवालिया हो गया और 1990 में हमें अपना सोना गिरवी रखना पड़ा
वर्ष 1970 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश के कई करोड़ शरणार्थी मुसलमानों को बंगलादेश वापस नहीं भेजकर पूरे भारत में बसाया था।।
जिसके कारण भारत की अर्थव्यवस्था चरमरा गई और उस समय इंदिरा गांधी की सरकार ने _भारतवासियों पर 10 पैसे और 5 पैसे का शरणार्थी सहायता टैक्स लगाया था_ जो राजस्व टिकिट और पोस्टल टिकिट के रूप में वसूला गया था.
उस समय कांग्रेस द्वारा हिंदुओं पर लगाए गए इस जज़ियाकर का प्रमाण देखे
इसके बाप ने बटवारे में तीन करोड़ मुसलमान को रोक कर अपनी ताकत बढाई तो 1970 में उसकी जिहादन बेटी ने 3 करोड़ रिफुजी मुसलमान को बसा कर हिंदुओं के कमर तोड़ दी और अपनी नीव मजबूत की, _फिर भी आत्मघाती हिंदुओं को समझ में नहीं आया?_
ये देश के विख्यात अर्थशास्त्री और कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर के बड़े भाई स्वामीनाथन अय्यर हैं। यह बता रहे हैं कि और यह ऑन द रिकॉर्ड है
इंदिरा गांधी ने 28 फ़रवरी 1970 को अपने बजटीय भाषण में इनकम टैक्स बढ़ा कर 97.75 प्रतिशत तक कर दिया था। _यानी यदि आप सौ रुपये कमायेंगे तो आपके हाथ में सवा दो रुपया बचेगा।_
उस वक़्त इंदिरा ने मोरारजी देसाई को हटा कर वित्त मंत्रालय अपने हाथ में ले लिया था।
इसी के साथ काले धन की अधिकता से देश में एक समानांतर अर्थव्यवस्था पैदा हुई जिससे बीस साल के अंदर देश दिवालिया हो गया और 1990 में हमें अपना सोना गिरवी रखना पड़ा।
मतलब _इंदिरा गांधी यह चाहती थी की मेहनतकश वर्ग उद्योगपति वर्ग व्यापारी वर्ग काम करें टैक्स भरे और यदि वह ₹100 कमाए तो 98 रुपए सरकार लेकर मुसलमान में बांट दे।।_
और इसी घटना के बाद भारत में काले धन की अर्थव्यवस्था बन गई और लोग टैक्स बचाने के लिए नंबर दो में काम करने लगे....

