आयुर्वेद पंचामृत :-
पंचतन्मात्राः- १. शब्द २. स्पर्श ३. रूप ४. रस ५. गन्ध
पंच महाभूत :- १. आकाश २. वायु ३.तेज ४. जल ५. पृथ्वी
पंच ज्ञानेन्द्रियः- १. नेत्र २. कर्ष ३. जिह्वा (रसना) ४. घ्राण (नासिका) ५. पृथ्वी
पंचकर्मेन्द्रियः- १. हस्त २. पाद ३. मूत्रेन्द्रिय ४. मलेन्द्रिय (गुदा) ५.मुख
मन के पंचकर्मः- चिन्त्य, विचार्य, अहम्, ध्येय, संकल्प
पंचकोषः - १. अन्नमय कोष २. मनोमय ३. प्राणमय ४. विज्ञानमय ५.आनन्दमय
पंचवातः - प्राण, अपान, समान, उदान, व्यानः
पंचपित्तः - भ्राजक, साधक, पाचक, रंजक, लोचक
पंचकफः- क्लेदक, श्लेषक, भेदक, तर्पक, रोचक
पंचनिदानः- १. निदान २. पूर्वरूप. ३.लिंग ४. उपशय ५. सम्प्राप्ति
पंचकर्म :- वमन, विरेंचन, आस्थापन, अनुवासन, शिरोविरेचन
पंचमर्म :- मांस, शिरा, स्नायु, अस्थि, सन्धि
पंचस्रोत :- १. प्राणवह २. उदक ३. अन्न ४. रस ५.रक्त
पचांग :- १. मूल २. पुष्प ३. फल ४.पत्र ५.बीज
पंच कामबाण :- अरविन्द, अशोक, आम्र, नवमलिका, नीलोत्पल
पंच क्वाथ :- कल्क, श्रृत, शीत, फान्ट, कषाय
पंचतिक्त :- निम्ब, अमृता, विष, पटोल, दीधिका
पंचकषाय :- जम्बू, शाल्मली, वाटयाल, वबूल, बदर
पंच प्रभाव :- रस, गुण, वीर्य, विपाक, प्रभाव
पंच सदापथ्य :- १.ब्रह्मचर्य २.निवातशयन ३.उष्णोदकपान ४. निद्रा ५. व्यायाम
पंच क्लेश :- अविद्या, अस्मिता, राग, द्वेष, अभिनिवेश
पंच कर्मेन्द्रिय विषय :- वचन, आदान, आनन्द, विसर्ग, विहरण
पंचसम्प्राप्ति :- संख्या, प्राधान्य, विधि, विकल्प, बलकाल
पंचामृतौषधि :- विजया, दूर्वा, विल्व, निर्गुण्डी, तुलसी
अन्यत्र :- गुड़वेल शताब्दी, मूसली, गोक्षुरू, शुण्ठी
पंच सिद्धौषधि :- तैलकन्द, सुधाकन्द, क्रोडकन्द रूदन्तिका, सर्पाक्षी
पंचगव्य :- दूध, दही, घी, गोमूत्र, गोमय
पंचामृत :- १. दुग्ध २. दधि ३.घृत ४. मधु ५.शर्करा
पंचसूरण :- सूरन, अत्यम्लपर्णी, काण्डीर, मालाकन्द, जमीकंद
पंच विषय :- श्रवण, दर्शन, गन्ध, आस्वाद, स्पर्श
पंच सुगन्धि :- कपूर, कल्लोल, लवंग, गुवाग, जातीफल
पंचबीज :- कर्कटी, त्रपुष, दाडिम, पदमबीज, वानरीबीज
पंचदीर्धक :- वाहु, नेत्र, कुक्षि, नासा, स्तनान्तर
शरीर पंचक :- ऊर्ध्वमूल, अधःशारव, त्रिस्थूल, पंचदैवत, क्षेत्रज्ञाधिष्ठित
पंचपल्लवः- पनस, आम्र, पिप्पल, बट, बकुल
पंचबटी :- अश्वत्थ, विल्व, धात्री, बट, अशोक
पंचमूल :- लघुपंचमूल, वृहत्पंचमूल, तृणपंच मूल, जीवकादि पंचमूल, पुनर्नवादि पंचमूल
पंचभंगा :- देवदाली, शमी, भांगरा, निर्गुण्डी, तमाल पत्र
पंचवल्कल :- न्यग्रोध, उदुभ्बर, अश्वत्थ, प्लक्ष, वेतस
पंचधान्य :- धान्य, मुंद्ग, तिल, यव, माष
पंचयम :- सत्य, अस्तेय, शौच, अहिंसा, अपरिग्रह
पंचावयवः- प्रतिज्ञा हेतु, उदाहरण, उपनय, निगमन
पंचरत्न :- नीलम, वज्रक, पदमराग, मौक्तिक, प्रवाल
पंचांगुलि (मुद्रा) अंगुष्ठ, कनिष्ठिका, अनामिका, मध्यमा, दीर्घा
पंचाग्नेय शरीरी :- १.तेज, २.अग्नि, ३. क्रोध, ४. ऊष्मा, ५.चक्षु
पंचबल :- १.आत्म बल २.बुद्धि बल ३.मनोबल ४.शरीर बल ५.धनबल
पंचमहा व्रत (पूर्णनैरोग्य साधन) :- सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, अस्तेय, शौच
पंचसुख :- १.आत्मा सुख २.चित्तसुख ३. शरीर सुख ४.परिवार सुख ५.सत्ता सुख
पंचमोक्ष :- १. व्याधिमोक्ष, २. अज्ञानमोक्ष, ३. दारिद्रय मोक्ष, ४. दुर्व्यसन मोक्ष, ५. आत्म मोक्ष (मुक्ति)
पंचविद्या :- १. आयुर्वेद २. योग ३. ज्योतिष ४. पराविद्या ५. अपराविद्या
पंच चिकित्सा :- १. काय २. मन ३. बुद्धि ४. प्राकृतिक ५. दैवी
पंचचिकित्सा साधन :- १. वैद्य २. औषधि ३. उपचारक ४. पथ्य ५. निरन्तरता
पंचात्मक रोग ज्ञान :- १. निदान २. औषधि ३. रोग ४. मात्रा ५. नाड़ी
पंच परिचय :- १. वनस्पति २. औषधि ३. रोग ४. रोगेतिहास ५. प्रकृति
पंच प्रदूषण :- १. मन प्रदूषण २. जल वायु प्रदूषण ३. कृमि ४. वातावरण ५. संक्रमण (वाह्य प्रदूषण)
पंच परीक्षण :- १. नाड़ी २. मलमूत्र ३. रक्त ४. जिव्हा ५. संस्थान .. (हृदयादि)
पंचौषधि प्रयोग :- १. आसव अरिष्ट २.क्वाथ, रस प्रास ३. जड़ी बूटी चूर्ण वटी सत्व क्षार मस्म आदि ४. तैल ५. रसरसायन
पंचदेव :- १. गणेश २. भवानी ३. ब्रह्मा ४. विष्णु ५. महेश
पंचतैजस :- सूर्य, चन्द्र, अग्नि, विद्युत, अहंकार (पित्त क्रोध)
पंचविधरोगोत्पादन :- १. वात २. पित्त ३. कफ ४. सन्निपात ५.अनुचित आहार
पंचधारा :- १. रस २. जल ३. तेलघृत ४. विद्युत ५. वस्ति
आरोग्य पंचसकार :- १. समता (धातुसाम्य) २. सदाचार ३. सत्संग ४. सन्मार्ग ५. सत् आहार
पंचलवण :- सैधव, सौवर्चल, बिड उद्भिभ सामुद्र
पंचतृण :- कुश, काश, दर्भ, शर, इक्षु
पंच :- (क्षीरीवृक्ष) बट, गूलर पीपल, वेतस, प्लक्ष
द्राक्षा पंच क्वाथ :- द्राक्षा, बड़ी हरड़, पित्त पापड़ा, मोथा, कुटकी (पित्तज्वर)
पंचतिक्त क्वाथ :- छोटी कटेरी, गिलोय, सौंठ, पुष्कर मूल, चिरायता (ज्वर नाशक)
पंचज्वर :- वात, पित्त, कफ, सन्निपात, आम
मुस्तादि पंच क्वाथ :- मोथा, पित्त पापड़ा, दुरालभा, गिलोय, सोंठ (वात ज्वर अरूचि)
पंचमूली क्वाथ :- विल्व, अरणी, श्योनाक (सोना पाठा) गम्भारी पाटल (वातज्वर)
आरोग्य पंचक :- बड़ी हरड़, अमलतास का गूदा, कुटकी, निशोथ, आमला (जीर्णज्वर नाशक, पाचक)
गुडूच्यादि पंचक्वाथ :- गिलोय, अनन्तमूल मुनक्का सौंफ, पुनर्नवा (मलमूत्र अवरोध में)
मधुमेहहर पंचक :- गुड़मार, विल्वपत्र, जामुनगुठली, आमगुठली, निम्वपत्र (डाइविटीज)
पंचजीवनीयगण :- अष्टवर्ग, माषपर्णी, मुद्द्मपर्णी, जीवन्ती, मधुयष्टि (समभाग) शक्तिप्रद
पंचामृत रस :- १. दूर्वा २. तुलसी ३. विल्वपत्र ४. आर्द्रक ५. पुदीना (सर्वरोग)
पंचामृत धारा :- १. पिपरमेन्ट २. कपूर ३. अजवाइन सत्व ४. लौग, ५ पुदीना (मन्दाग्नि, हैजा, वमन)
विल्व पंचक क्वाथ :- शालपर्णी, पृश्निवर्णी, बला, बेलगिरी, अनार छिलका (अतिसार में)
पंचमूलीतक्र :- लघु पंच मूल, बलामूल, सौंठ, धनियां, कमल (आमातीसार)
अमृता औषधियाँ :- रुदन्ती, लक्ष्मणा सोमवल्ली, हरीतकी, आमला,

