आपने ये स्लोगन तो खूब सुना ही है "आएगा तो मोदी ही" लेकिन अब एक स्लोगन और चला है "अबकी बार 400 पार" अब भले ही आएगा तो मोदी ही तो सच हो जाए लेकिन क्या मोदी जी का कथन अबकी बार 400 पार सच हो पाएगा? बोलने और होने में बहुत फर्क है। घर बैठकर अबकी बार 400 पार कहने से काम नहीं चलेगा, बल्कि संकल्पित होकर घर से निकलकर वोट करना होगा, क्योंकि होगा वही जो वोटर चाहेगा..तो वोटर बनो जो वोट करे...
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सोचिए कितनी निराशाजनक और शर्म की बात है की भारत जैसे देश में जहां चुनाव बिलकुल युद्ध के स्वरूप में हो रहे हैं वहां 40% वोटर वोट नहीं कर रहे। माना कुछ लोग परिस्थितियों से मजबूर हों वोट ना कर पाए लेकिन 40% लोग मजबूर हों ऐसा असंभव है। वोट कर्म हमारा अधिकार हो नहीं अपितु देश के प्रति एक महत्वपूर्ण कर्तव्य है। जो वास्तव में राष्ट्रभक्त है वो जरूर वोट करेगा..बाकी जो वोट नहीं करता उसे क्या कहना चाइए ये आप खुद सोचें