मजहबी मानसिकता का जाहिल पाना इस घटना से समझा जा सकता है जहां एक शौहर अपनी जोरू को अपने चाचा और दिए अपने बाप के साथ सुलाना चाहता है... आखिर ये कैसी घटिया सोच है .. यदि मुस्लिम महिलाओं को इस प्रताड़ना से बचना है तो संभवतः घर वापसी ही एकमात्र विकल्प है
हिंदुओं में चाचासुर और ससुर के लिए बहुत उनकी बेटी समान होती है लेकिन इन मजहबियों के लिए तो बस मशीन होती है जिसे सब use कर लेना चाहते हैं... आक थू

