आप महीने में कितनी बार पनीर खाते है...?????
बहुत समय से मन मे ख्याल आता था कि जब हमारे ऋषि मुनियों ने गौ मूत्र तक को अमृत बता दिया तो पनीर का वर्णन क्यों नहीं किया.....🤣
जवाब ढूंढने और अंतर्मन में प्रश्न करने से अक्सर हल मिल जाता है....
ऐसा तो है नही की उन्हें ज्ञान नहीं था, जब दूध से दही बना सकते है, छाछ बना सकते है, मक्खन बना सकते है, तो पनीर क्यों नही बनाया........🤔
दूध और नींबू का मेल औषधि रूप में तो है किंतु भोजन के रूप में दूध और खट्टे पदार्थो को निषेध किया गया है
पनीर एक ऐसी ही प्रकिया है जिसमे दूध को और पानी को अलग करने के लिए निम्बू का प्रयोग किया जाता है जो शास्त्रों के अनुसार वर्जित है......
प्रोटीन से अभिप्रायः होता है वह कितनी सहज और शीघ्र पाचक रूप में उपलब्ध है,
दूध में कभी, नमक, नही डाला जाता क्योंकि दूध और नमक जहर है, ठीक इसी प्रकार दही और नमक भी जहर है ,अब जो लोग छाछ आदि में नमक डालते है ईश्वर उन्हें सद्बुद्धि प्रदान करें 🙏
पनीर भी दूध से ही बना है, फिर उसमें नमक यो जहर का काम ही करेगा, लेकिन गोबरचन्द को ये बात समझ न आएगी.......🙏
पनीर का कुछ हद तक लाभ कच्चे रूप में सेवन करने से अवश्य ही मिलेगा, क्योंकि उसकी प्रोटीन को पकाकर जटिल नही किया गया है, किन्तु कुछ हद तक क्योंकि पानी ही दूध, छाछ, आदि का गुण है और पनीर बनाकर आपने उसका यह स्वाभाबिक गुण उससे छीन लिया, तो वह प्रोटीन उतनी लाभकारी कभी नही रहेगी.......🙏
दूसरी बात, पकाने के बाद तो पनीर में कोई प्रोटीन शेष बचेगी नही, क्योंकि उसकी प्रोटीन की जटिलता इतनी अधिक होगी कि उसका पाचन करने के लिए फिर किसान की तरह पसीना ही बहाना होगा जो आपके बस का नही........
फिर वही बात आती है, भुने, तेल, मसाले, प्याज टमाटर की खतरनाक ग्रेवी के बाद नमक और दूध कोई मिलन है नही, यही दुसपाच्य प्रोटीन आपके जीवन मे एसिडीटी, कब्ज और खतरनाक रोग पैदा करेगी ही........
तो कच्चा पनीर कुछ हद तक उत्तम, पका हुआ सेवन करना है तो माह- 4 माह में 1 बार कर लिया तो चलेगा, हर तीसरे दिन खाने का ड्रामा बन्द करो.....
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