जो लोग लालू यादव को शेर बता रहे हैं, अखंड भ्रष्टाचार के अलावा वे लोग उनके गुंडाराज की केवल एक घटना को याद कर लें।
लालू यादव के वर्ष 1990 से 2005 के कार्यकाल की अनेक वीभत्स कहानियों में एक ‘चंपा विश्वास रेप’ कांड एक ऐसा मामला जिसमें एक IAS की पत्नी, उसकी माँ व कई नौकरानियों के साथ 2 साल तक रेप होता रहा और वो चाहते हुए भी कुछ नहीं कर सका।
लालू के बहुत करीबी विधायक हेमलता यादव के बलात्कारी गुंडे बेटे मृत्युंजय यादव के सामने पूरी व्यवस्था बौनी साबित हुई थी।
लालू यादव को जब IAS विश्वास ने इसकी शिकायत की तो उन्होंने अट्ठाहास किया कि ये तो होता रहता है-चुप रहो, ज़िंदा तो हो।
इस लड़ाई को लड़ते लड़ते, IAS डी डी विश्वास इस दुनिया में नहीं रहे। उसका परिवार बिहार छोड़कर आज भी डर से छिपा घूमता है, ज़िल्लत की गुमनामी ज़िंदगी जी रहा है।
पूरी कहानी ABP न्यूज़ की इस रिपोर्ट में पढ़कर आपका रोम रोम सिहर उठेगा।👇
18 जुलाई 1990 को 1982 बैच के आईएएस अधिकारी डीडी विश्वास की शादी चंपा विश्वास से होती है. 2 नवंबर 1995 को वह पटना के बेली रोड पर शिफ्ट होते हैं. डीडी विश्वास को समाज कल्याण विकास विभाग में सचिव पद की जिम्मेदारी मिलती है. बिहार समाज कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष आरजेडी विधायक और ताकतवर नेता हेमलता यादव को बनाया जाता है. आवास भी हेमलता यादव और डीडी विश्वास को बिल्कुल पास में ही अलाट होता है. साल 1995 में रसूखदार नेता हेमलता यादव के 27 साल के बेटा, जो उस सयम डीयू हिंदू कॉलेज का छात्र था, की गलत नजर चंपा विश्वास पड़ी.
नेता का बेटा उसके बाद चंपा को हवस का शिकार बनाने की मुहिम में जुट गया. आईएएस की पत्नी से रेप की शुरुआत की कहानी 7 सितंबर 1995 शुरू होती है जब एक दिन अचानक हेमलता यादव घर में मौजूद थी. उनका फोन आईएएस की पत्नी चंपा के पास आता है. वो फोन पर कहती हैं, नौकर की हालत खराब है. कुछ सहयोग करने के लिए घर पर आ जाओ. चंपा जैसे ही हेमलता के घर पर पहुंचती हैं वो उन्हें एक कमरे में ले जाती हैं और झट से बाहर से दरवाजा बंद कर देती हैं. कमरे के अंदर हेमलता का बेटा मृत्युंजय चंपा से जबरन रेप करता है. ये सब उस समय होता है जब, कुछ आरजेडी नेता उसी दौरान हेमलता के घर पर मौजूद थे. सभी के सभी इस घटना पर अट्ठाहास करते रहते हैं.
नेता ने दी थी परिवार के खात्मे की धमकी
रेप के बाद हेमलता यादव चंपा को धमकी देती हैं. इस घटना की जानकारी किसी को मत देना. यही रेप की घटना बाद में जुर्म में बदल जाता है. इसके बाद मृत्युंजय यादव बार-बार ऐसा करता है. वो जब चाहे चंपा के घर पर पहुंंच रेप कर देता है. मृत्युंजय न केवल चंपा का रेप करता है, बल्कि उनकी भतीजी को भी अपने हवस का शिकार बनाता है. अगल-अलग समय में आईएएस की दो-दो नौकरानी से भी रेप करता है. नौकरशाह के आवास पर उनकी मां पर हाथ डालता है. आईएएस के पूरे परिवार के खात्मे के डर से सब चुप रहते हैं, लेकिन मृत्युंजय उतना ही बेखौफ हो जाता है. अंत में आईएएस डीडी विश्वास वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से इस बात की चर्चा करते हैं. पुलिस अधिकारी एक आईएएस की सहायता करने के बदले उन्हें चुप रहने और सबकुछ सहते रहने की सलाह देते हैं. 1995 से 1997 तक लगातार चंपा विश्वास मृत्युंजय के हवस का शिकार होती रहती हैं. हेमलता का क्रूर आतंक इस कदर था कि अवैध संतान न हो जाए इससे बचने के लिए वो नसबंदी करवा लेती है.
बीजेपी नेता ने मामले का खुलासा कर सबको चौंकाया
यह मामला पब्लिक डोमेन में तब आया जब 1997 में चंपा विश्वास इस मामले की लिखित में पुलिस को शिकायत देती हैं, लेकिन पटना पुलिस उनकी शिकायत पर कुछ नहीं करती. इस मामले में सबसे ज्यादा तूल तब पकड़ा, जब बिहार में विपक्ष और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चंपा विश्वास कांड का खुलासा कर सबको चौंका दिया. उन्होंने आरोप लगाया था कि बिहार में जंगलराज है. एक आईएएस अफसर का परिवार महफूज नहीं है. कानून व्यवस्था चौपट है. उन्होंने आरोप लगाया था कि यह कौन सा समाज है, जिसमें आईएएस अफसर की पत्नी की आबरू भी सुरक्षित न हो. रेप का सिलसिला जारी रहता है.
एक दिन ऐसा आता जब चंपा विश्वास और उनके आईएएस पति बिहार के तत्कालीन राज्यपाल के पहुंचते हैं. उनने मदद की गुहार लगता है. राज्यपाल की पहल पर 1997 में मृत्युंजय गिरफ्तार होता है. हेमलता यादव फरार हो जाती हैं. मामला मीडिया में भी सुर्खियों में बना. दो माह तक हेमलता फरार रहीं. दो महीने बाद हेमलता ने सरेंडर किया. पांच साल बाद मृत्युंजय और हेमलता 3 साल जेल में रहीं. उसके बाद दोनों जमानत पर जेल से बाहर आ जाती हैं. इस बीच पटना लोकल कोर्ट का फैसला. मृत्युंजय को 10 साल और हेमलता को तीन साल की सजा मिलती है. चूंकि, हेमलता पहले ही तीन साल जेल में रह चुकी होती हैं, इसलिए हेमलता को दोबारा जेल जाने की जरूरत नहीं पड़ी.
मां-बेटे को मिली थी हाईकोर्ट से राहत
मृत्युंजय पटना हाईकोर्ट में सजा के खिलाफ अपील करता है.पटना हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट के फैसले को पलट दिया. हाईकोर्ट के जज ने दलील दी कि दो साल तक रेप होता रहा और पीड़िता आईएएस की पत्नी चुप रहीं. उन्होंने क्यों जमाने के सामने की बातें नहीं रखी. गर्भपात क्यों कराया, नसबंदी क्यों कराई. मृत्यंजय के वकील ने कहा कि दोनों के बीच प्रेम संबंध था. चंपा शादी के लिए अड़ गई थी. ऐसा न करने पर परिवार को बदनाम करने की धमकी दी थी. ये भी कहा गया कि चंपा ने ऐसे आरोप इसलिए लगाए हैं कि ताकि वो अपने नौकरशाह पति को भ्रष्टाचार के आरोपों से बचा सके. सरकार की ओर से भर्ती घोटाले में डीडी विश्वास का नाम उछाला गया. किसी ने चंपा और डीडी विश्वास का साथ नहीं दिया. नतीजा यह निकला कि नेता के परिवार को हाईकोर्ट ने सभी आरोपों से बरी कर दिया.
चंपा के हिस्से में आई गुमनाम जिंदगी
इसके बाद चंपा और डीडी विश्वास दिल्ली आ गए. बिहार से अलग होकर जब झारखंड नया राज्य बना तो डीडी विश्वास वहीं शिफ्ट हो गए. बाद में उनका निधन हो गया. चंपा विश्वास बिहार, दिल्ली और झारखंड में रहने के बजाए कोलकाता में गुमनाम जिंदगी जी रहीं हैं.
शायद लालू यादव का गुणगान करने वाले एक बार फिर से अपने गिरेबान में झांक कर देखेंगे।