VIDEO AND PANCHANG : गीता वीडियो एवम पंचाग
"गीता अध्याय 10 श्लोक 24
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🌥️ 🚩युगाब्द-५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - चतुर्दशी दोपहर 03:33 तक तत्पश्चात पूर्णिमा
दिनांक - 23 फरवरी 2024
⛅दिन - शुक्रवार
⛅अयन - उत्तरायण
ऋतु - वसंत
⛅मास - माघ
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - अश्लेषा रात्रि 07:25 तक तत्पश्चात मघा
⛅योग - शोभन दोपहर 12:48 तक तत्पश्चात अतिगंड
⛅राहु काल - सुबह 11:27 से दोपहर 12:53 तक
⛅सूर्योदय - 07:07
⛅सूर्यास्त - 06:40
⛅दिशा शूल - पश्चिम
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:27 से 06:17 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 से 01:18 तक
⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:30 से 01:16 तक
⛅व्रत पर्व विवरण -
⛅विशेष - चतुर्दशी दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
🌹 माघी पूर्णिमा : 24 फरवरी 2024🌹
🌹 ऐसे तो माघ की प्रत्येक तिथि पुण्यपर्व है, तथापि उनमें भी माघी पूर्णिमा का धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्त्व है । इस दिन स्नानादि से निवृत्त होकर भगवत्पूजन, श्राद्ध तथा दान करने का विशेष फल है । जो इस दिन भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करता है, वह अश्वमेध यज्ञ का फल पाकर भगवान विष्णु के लोक में प्रतिष्ठित होता है ।
🔹दीर्घ एवं निरोगी जीवन के नियम🔹
👉 (१) प्रातः ब्राह्ममुहूर्त में उठें । सुबह-शाम खुली हवा में टहलें, दौड़ें ।
👉 (२) प्राणायाम, ध्यान, जप, योगासन, संयम-सदाचार आदि का नियम लें ।
👉 (३) दिन में २-३ बार 'देव- मानव हास्य प्रयोग' करें ।
👉 (४) कसे हुए, चटकीले-भड़कीले, गहरे रंग के, तंग व कृत्रिम (synthetic) कपड़े न पहनें । ढीले-ढाले सूती वस्त्र या ऋतु- अनुसार ऊनी वस्त्र पहनें ।
👉 (५) संयम से रहें । ऋतुचर्या के अनुसार आहार-विहार करें ।
👉 (६) पेशाब करने के तुरंत बाद पानी न पियें, न ही पानी पीने के तुरंत बाद पेशाब हेतु जायें । इससे हानि होती है । मल-मूत्र का वेग नहीं रोकें ।
👉 (७) सप्ताह में कम-से-कम एक दिन रोज के संसारी कार्यों से मुक्त हो जायें ।
👉 सप्ताह में कम-से-कम एक दिन थोड़ा हलका आहार लेकर घर के पूजा-कक्ष में मौन रह के अधिकांश समय सत्संग-श्रवण, श्री योगवासिष्ठ महारामायण ग्रंथ व आश्रम से प्रकाशित अन्य सत्साहित्य का स्वाध्याय, ध्यान, जप, अजपाजप, साक्षीभाव का अभ्यास आदि साधनों का विशेषरूप से लाभ लें ।
👉 (८) स्वास्थ्य-मंत्र 'ॐ हंसं हंसः' का नित्य १०८ बार (एक माला) जप करें ।
👉 (९) ब्रहावेत्ता संत-सद्गुरु के सत्संग का नियमितरूप से लाभ लें व दूसरों को भी दिलायें ।
👉 (१०) चाय-कॉफी, शराब-कबाब, धूम्रपान पान-मसाला सेवन, फिल्मी गाने सुनना, अश्लील दृश्य व चलचित्र तथा गंदी वेबसाइट्स देखना आदि किसी भी हानिकारक चीज की लत लगी हो तो उसे छोड़ने का व्रत लें व उस व्रत पर दृढ रहें ।
👉 (११) रात को सोते समय यह प्रयोग करें : भगवन्नाम का उच्चारण करो और भगवान से कह दो कि 'हम जैसे-तैसे हैं, तेरे हैं । ॐ शांति... ॐ 'शांति... ॐ आनंद...' ऐसा करके लेट गये और श्वास अंदर जाय तो 'ॐ', बाहर आये तो '१'... श्वास अंदर जाय तो 'शांति', बाहर आये तो '२'... श्वास अंदर जाय तो 'आरोग्य', बाहर आये तो '३'... इस प्रकार श्वासोच्छ्वास की गिनती करते-करते सोयें । इससे स्वास्थ्य-लाभ तो मिलेगा ही, साथ-ही-साथ रात्रि की निद्रा कुछ सप्ताह में योगनिद्रा बनने लगेगी और आप परमात्मा में पहुँच जाओगे ।
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