सभी लाइसेंस धारी हथियार चुनाव के दौरान जप्त कर लेना क्या लोगों की आत्मरक्षा पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह नही लगाता? जब सभी आत्मरक्षा के लिए लिए गए हथियार जब्त हो जाएंगे तो क्या अपराधियों को एक तरह से खुली छूट नहीं मिल जाति जो अवैध हथियारों से अपने कारनामे अंजाम देते हैं? हथियार लेने ही हैं तो केवल कुछ चिन्हित लोगों के जो किसी दो प्रकार से संदेहास्पद हों जैसा कि UP और MP के कुछ चुनाओं में चुनाव आयोग के निर्णय के बाद किया गया।
चुनाव के समय लाइसेंस वाले हथियार जमा करवाना-
क्या एक साजिश का अंग है?
1) यह अंग्रेजों के हित में नियम था।
2) यह वामपंथियों, नक्सलियों, विपक्षियों,अपराधियों के हित में नियम है।
3) यह जेहादियों और रोहिंगयाओ के सीधी कार्यवाहियों को सफल करने के लिये नियम है।
4) य़ह सभ्य, सुसंस्कृत, लाइसेंस धारी समाज के सुरक्षा मे सबसे बड़ी सरकारी सेंध है।
5) "सुरक्षा प्रथम" के सिद्धांत का सबसे बड़ा दुश्मन और असंवैधानिक है।
इस "अपराधियों के सबसे बड़े संरक्षक और दोस्त कानून"- को तुरंत समाप्त करो