झारखंड अपनी किस्मत का मारा हुआ राज्य है, इसे बने हुए मात्र 23 वर्ष हुए है लेकिन अब तक 6 मुख्यमंत्री आ चुके है और उसमे भी 3 बार तो राष्ट्रपति शासन लग चुका है।
इन 6 मुख्यमंत्रियों में से भी 3 जेल जा चुके है अतिशयोक्ति नहीं होगी की वहां सिर्फ बीजेपी ही दूध की धुली है जिसका कोई मुख्यमंत्री कभी जेल नही गया। हेमंत सोरेन कल जेल गया उससे पहले उसका पिता शिबू सोरेन भी मर्डर केस में जेल जा चुका है।
झारखंड 2000 तक बिहार का ही हिस्सा था लेकिन इसके पास खनिज संपदा अपार है और सबसे बड़ी बात आदिवासी आबादी बहुत ज्यादा है। इसलिए ये लोग कभी बिहार से जुड़ा हुआ महसूस नहीं कर सके, एक वजह और भी थी की यहां के लोकल नेता इन खनिजों पर एकाधिकार भी चाहते थे।
अलगाववाद की यह क्रांति तेजी से फैली, बिहार में जब लालू प्रसाद यादव का जंगलराज शुरू हुआ तब तो मानो झारखंड आंदोलन को बल मिल गया हो। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने मोर्चा खोल दिया और आखिरकार 15 नवंबर 2000 को झारखंड बिरसा मुंडा की जयंती परअलग राज्य बन गया।
लेकिन ये लड़ाई तो सत्ता की थी, यहां की लोकल पार्टियों ने कभी उद्योग आने ही नही दिए। इन्होंने खनिज पदार्थ की तस्करी पर जोर दिया, ताकि अपनी जेब भरती रहे। आदिवासियों को लुभाने के लिए स्कीम बना लेते है ताकि वोट मिल जाए और बस यही क्रम आगे बढ़ता रहता है।
2014 में बीजेपी भी सत्ता में आई थोड़ा विकास करने की कोशिश की तो 2019 में जनता ने फिर झारखंड मुक्ति मोर्चा को सत्ता पकड़ा दी। हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बना और 4 साल में 2 घोटाले कर दिए जिसकी वजह से कल जेल गया।
2024 में फिर आशा है की बीजेपी सत्ता में लौटेगी और कुछ नए प्रयास करेगी। लेकिन ये सिर्फ झारखंड की नही हर गरीब राज्य की दास्तां है, भगवान जाने क्यों मगर गरीब राज्य की जनता क्षेत्रीय पार्टी को प्राथमिकता देती है। क्षेत्रीय पार्टियों के पास कोई विजन नही होता वे बस स्कीम निकालकर वोट बटोरते है और भ्रष्टाचार करते रहते है।
बीजेपी ED का जो चाहे उपयोग कर रही हो मगर ये एक अच्छी पहल है पहली बार नेता जेल जा रहे है। पहली बार हम हेमंत सोरेन और अरविंद केजरीवाल जैसे भ्रष्ट नेताओ को भागता देख रहे है, इनका जाल ऐसे ही कटेगा बस हमे अपने वोट से नही भटकना है।
मुझे नही लगता की झारखंड में यदि 15 वर्ष बीजेपी सत्ता में टिक गई तो वो कोई गरीब राज्य रहेगा। 10 साल पहले उत्तरप्रदेश को भी गरीब राज्य कहा जाता था लेकिन आज परिभाषा बदल चुकी है। बीजेपी में भी भ्रष्ट नेता रहे होंगे लेकिन विकास करना भी सिर्फ बीजेपी को ही आता है।
क्षेत्रीय पार्टियों किसी भी राज्य का भला नहीं कर सकती है उनको सिर्फ अपने परिवार का विकास करना होता है इसलिए देश का नागरिकों बहुत गहराई से सोचो सिर्फ और सिर्फ राष्ट्रीय पार्टी की सरकार बनाए कहीं पर भी
एक बात और यहां पर सेना की जमीन का भी कोई घोटाले का नाम आ रहा है बताया जा रहा है कि दस बिघा जमीन थी सेना की उसको भी बेच दिया है यदि यह सही है तो यह तो देशद्रोह से भी बड़ा काम हो गया है जिस सेना की जमीन को हम पूजनीय मानते हैं उसकी भूमि की मिट्टी अपने माथे पर लगाते हैं उस भूमि को इन राजनेताओं ने बेच दिया भ्रष्टाचार करने के लिए बड़े शर्म की बात है

