पिछले कुछ वर्षों से देश में लगातार 14 फरवरी के दिन मातृ पितृ पूजन दिवस मनाया जाता है अनेकों शिक्षण संस्थानों में भी इस दिवस को धूमधाम से मनाया जाता है और बड़ी-बड़ी हस्तियों ने भी 14 फरवरी को मात्र पितृ पूजन दिवस मनाने का समर्थन किया है। सभी देशवासियों को पाश्चात्य को संस्कृत से अपने समाज को बचाने के लिए वैलेंटाइन का बहिष्कार कर मातृ पितृ पूजन दिवस मनाना चाहिए
14 फरवरी "मातृ पितृ पूजन दिवस।"