उठाये गये ऐसे मूर्खतापूर्ण प्रश्नों पर मेरे कुछ प्रतिप्रश्न --
* 26 जनवरी और 15 अगस्त को तिरंगा फहराने और राष्ट्रगान गाने से देश की जीडीपी बढ़ जाती है क्या ?
* विवाह के समय वर द्वारा कन्या की माँग में सिन्दूर भरने से उसका सिरदर्द या सिर या मस्तिष्क की बीमारी ठीक हो जाती है क्या ?
* या विवाह के समय के विधि-विधान, हल्दी, चंदन, अक्षत, शंख बजाने तथा बैंडबाजे और भोज से तलाक नहीं होते हैं क्या ?
* और यदि तलाक का केस हो जाए तो कोर्ट जाओगे या शंख बजाओगे ?
* मंत्रीपद की शपथ लेते समय ईश्वर की शपथ क्यों लेते हो ? ऐसा करने से आपका मंत्रालय और आपका राज्य लंदन और पेरिस बन गये क्या ?
* स्कूलों की मॉर्निंग एसेंबली में प्रार्थना क्यों होती है ? इससे बच्चों के रिजल्ट अच्छे हो जाते हैं क्या ?
* आप अपने माता-पिता और गुरुजनों अर्थात बड़ों का सम्मान नहीं करते हैं क्या ? यदि करते हैं तो क्यों करते हैं ? ऐसा करने से घर में राशन आ जाता है या घर का टूटा शीशा या टूटी दीवार ठीक हो जाती है क्या ??
* फिर तुम्हारे नेता छठ व्रत क्यों करते हैं या गणपति पूजा क्यों करते हैं या शिवजी या दुर्गा जी की आराधना क्यों करते हैं ?
* वस्तुत: ऐसे प्रश्न ही #बेतुके_और_मूर्खतापूर्ण हैं !
* यह ऐसा ही है जैसे कोई पूछे कि शर्ट धोने से पैंट साफ हो जाता है क्या ?
* या कि ट्रैफिक पुलिस की क्या जरूरत है क्योंकि गाड़ी खराब होने से मिस्त्री के पास जाओगे या ट्रैफिक पुलिस के पास ?
रही बात मंदिर और अस्पताल की तो दिमाग से पैदल ये पाखंडी क्या यह बताएंगे कि #मदर_टेरेसा की प्रार्थना से रोगियों के रोगमुक्त होने की सच्चाई क्या थी ?
#इन कायरों में यह पूछने की हिम्मत ही नहीं है कि बीमार होने पर अस्पताल जाओगे या चर्च-मस्जिद ??
इसरो के अध्यक्ष डॉ.सोमनाथ #चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण से पहले जब पूजा-अर्चना के लिए तिरुपति बालाजी मंदिर गये थे तब मीडिया में बैठे वामी पाखंडी पत्रकारों द्वारा ऐसे ही मूर्खतापूर्ण प्रश्न पूछे जाने पर उन्होंने बहुत सुन्दर उत्तर दिया था !
उन्होंने कहा था कि --
For outer space I do science & for inner space I go to temples !
अर्थात बाहर की यात्रा के लिए मैं विज्ञान के पास जाता हूँ और अंदर की यात्रा के लिए ईश्वर के पास !
#अरे अज्ञानियों ! हमारे लिए सरस्वती पूजा का मतलब ज्ञान, विज्ञान, कला और संगीत की उपासना ही है !
#लक्ष्मीपूजा और विश्वकर्मा पूजा का मतलब धन, पूँजी और इंफ्रास्ट्रक्चर, शिल्प और शिल्पी के महत्व का सम्मान ही है!
#भगवान राम,भगवान कृष्ण,भगवान शंकर,भगवती दुर्गा आदि की पूजा का मतलब उनके मार्ग पर चलने की प्रेरणा और प्रयास ही है !
#भारतीय_क्रिकेट टीम के खिलाड़ी अपने हेलमेट पर तिरंगे का स्टीकर क्यों लगाते हैं ? इसलिए लगाते हैं कि इससे उन्हें अपने देश के लिए जूझने की प्रेरणा और ऊर्जा मिलती है !
#लेकिन मंदिर की जगह अस्पताल के कुतर्की कहेंगे कि स्टीकर लगाने से भारत जीत जाता है क्या ?
#संसार का इतिहास देख लो! नास्तिकों ने और सिर्फ 'मेरा ही मजहब सही बाकी सब एक गुनाह और 'जैसे भी धर्मांतरण करने' को सही कहने वालों ने दुनिया में जितना खून बहाया है,जितनी नृशंसता और बर्बरता की है उसका अल्पांश भी हिन्दू विचारधारा के लोगों ने नहीं किया है और यदि किसी ने किया भी तो उसे धर्म और समाज का समर्थन कभी भी नहीं मिला। ऐसों को अत्याचारी और दुराचारी ही कहा गया भले ही वह कितना भी बड़ा भक्त,विद्वान या दानवीर ही क्यों न रहा हो !!
हिन्दू धर्म या सनातन धर्म की इसी मान्यता और व्यवहार के कारण रावण,बाली,कंस,कर्ण यहाँ तक कि भीष्म आदि भी दंड के ही पात्र बने।
#राम और राममंदिर से हमें इसी सदाचरण और सन्मार्ग की प्रेरणा और दिशा मिलती है।
#आखिर_कौन_है_जो राम जैसा पुत्र,राम जैसा भाई,मित्र,पति,शासक और पुरुष नहीं चाहेगा ?
#कौन है जो महात्मा भरत, सिद्धात्मा लक्ष्मण और देवी सीता जैसी कन्या या कुलवधू या पूज्य नारी के अवतरण की पवित्र कामना नहीं करेगा ?
#कौन है जो जिसकी भक्ति के प्रिय और महान मार्गदर्शक महावीर हनुमान जी नहीं होंगे ?
#कौन है जो जगत के लिए स्वयं विषपान करने और सबको अमृत दे देने तथा भस्म और विनष्ट होने से बचाने के लिए गंगा को अपने सिर पर धारण करने वाले भक्ति के परमद्वार रामेश्वर भगवान शंकर के श्रीचरणों में लोट जाना नहीं चाहेगा ?
इन सबके मंदिर तो हमारे मन, मस्तिष्क और संस्कारों के #चार्जिंग_प्वाइंट हैं !
बिना चार्ज हुए और ऊर्जित हुए हम कितने दिन चल पाएंगे और चलेंगे भी तो #दिशाहीन ही हो जाएंगे, भटक जाएंगे और #दुर्घटनाग्रस्त हो जाएंगे।
इसलिए मंदिर अत्यंत आवश्यक हैं !!
यह सही है कि आस्था के नाम पर अंधविश्वास,कर्मकांड के नाम पर पाखंड और धर्म के नाम पर अधर्म कदापि नहीं होना चाहिए।
#लेकिन कपड़ों पर यदि धूल जमी है तो कपड़े साफ कीजिए,न की कपड़ों को ही साफ कर दीजिए अर्थात नष्ट कर दीजिए !
परन्तु जब अपमान करना ही अभीष्ट हो तब ये लोग कुतर्क ही देंगे।
इनके मानसिक स्तर और इनके कुतर्क का निचोड़ यही है कि ये गाय पालने वालों से पूछेंगे कि घर को चोरों से बचाने के लिए #गाय_पालोगे_या_कुत्ता ??
ऐसे प्रश्न पूछने वाले बुद्धिवीर आप धन्य हैं ! आपकी मेधा, प्रतिभा और इंटेलिजेंस का जवाब नहीं !!
इस समय अभी यदि वह अपनी बात लोगों तक पहुंचा रहे हैं तो आपका कर्तव्य बनता है कि आप उन लोगों से भी ज्यादा जोरदार ढंग से अपनी आवाज उठाई कृपया इस पोस्ट को शेयर कीजिए हर फोन तक पहुंचाइये