मोदी सरकार ने कबाड़ बेचकर कमा लिए 1163 करोड़, इतने में तो 2 बार चांद पर चंद्रयान-3 भेज देता भारत
◆ अक्टूबर 2021 से स्क्रैप यानी कबाड़ बेचकर लगभग 1,163 करोड़ रुपये कमाए गए हैं, जिसमें इस साल अक्टूबर में एक महीने के लंबे अभियान के दौरान कमाए गए 557 करोड़ रुपये भी शामिल हैं.
◆ अक्टूबर 2021 से केंद्र सरकार के कार्यालयों में आश्चर्यजनक संख्या में 96 लाख फिजिकल फाइलों को हटा दिया गया है और कुल मिलाकर सरकारी कार्यालयों में लगभग 355 लाख वर्ग फुट जगह खाली कर दी गई है.
*चंद्रमा पर भारत के सफल चंद्रयान-3 मिशन की लागत लगभग 600 करोड़ रुपये थी. आप विश्वास करें या न करें, नरेंद्र मोदी सरकार कबाड़ मसलन फाइलें, खराब हो चुके कार्यालय उपकरण और अप्रचलित वाहनों को बेचकर ऐसे दो चंद्रयान मिशनों को अच्छी तरह से स्पॉन्सर्ड यानी वित्त पोषित कर सकती थी.*
■ इससे कार्यालयों में गलियारों की सफाई, खाली जगह का मनोरंजन केंद्रों और अन्य उपयोगी उद्देश्यों के लिए उपयोग होने लगा है.
■ असफल हो चुके रूसी चंद्रमा मिशन की लागत 16,000 करोड़ रुपये थी और हमारे (चंद्रयान -3) मिशन की लागत लगभग 600 करोड़ रुपये थी. चंद्रमा और अंतरिक्ष मिशनों पर आधारित हॉलीवुड फिल्मों की लागत 600 करोड़ रुपये से अधिक होती है.
■ स्क्रैप की बिक्री से 1163 करोड़ रुपये के राजस्व का आंकड़ा दर्शाता है कि स्वच्छता पर सरकारी कार्यक्रम कितना बड़ा और महत्वपूर्ण रहा है, जिसमें सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का योगदान रहा है.
■ केंद्र सरकार को इस साल स्क्रैप बेचकर जो 556 करोड़ रुपये की कमाई हुई, उसमें से अकेले रेल मंत्रालय को करीब 225 करोड़ रुपये की कमाई हुई. अन्य प्रमुख कमाई करने वालों में रक्षा मंत्रालय 168 करोड़ रुपये, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय 56 करोड़ रुपये और कोयला मंत्रालय 34 करोड़ रुपये शामिल थे.
■ इस वर्ष खाली कराई गई कुल 164 लाख वर्ग फुट जगह में से कोयला मंत्रालय में सबसे अधिक 66 लाख वर्ग फुट और भारी उद्योग मंत्रालय में 21 लाख वर्ग फुट जगह खाली की गई. इसके बाद रक्षा मंत्रालय में 19 लाख वर्ग फुट जगह खाली की गई.
■ इस साल सरकारी दफ्तरों से लगभग 24 लाख बेकार फाइलें हटाई गईं और सबसे अधिक विदेश मंत्रालय (3.9 लाख फाइलें) में छंटनी की गई, उसके बाद सैन्य मामलों के विभाग (3.15 लाख फाइलें) में छंटनी की गई.
■ स्वच्छता अभियान के प्रभाव के कारण सरकार में कुल मिलाकर ई-फाइल अपनाने की दर लगभग 96% हो गई है. इस साल इस अभियान में लगभग 2.58 लाख कार्यालय स्थलों को कवर किया गया.
■ स्वच्छता को संस्थागत बनाने और लंबित मामलों को कम करने के लिए विशेष अभियान 3.0 कार्यालय स्थानों में स्वच्छता के लिए भारत के अब तक के सबसे बड़े अभियान का प्रतिनिधित्व करता है.
पूरे भारत और विदेशों में स्थित 2,58,673 भारतीय कार्यालयों में चलाए गए एक महीने के अभियान के परिणामस्वरूप 164 लाख वर्ग फुट कार्यालय स्थान खाली कराया गया. इस अभियान में 24.07 लाख फिजिकल फाइलों की छंटनी की गई और कार्यालय स्क्रैप यानी कार्यालय के कबाड़ों के निपटान से 556.35 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया.