उत्तर प्रदेश में लाउडस्पीकर (भोंपू) पर कार्यवाही हो रही है, ध्यान रहे ये कार्यवाही कानून के अंतर्गत, कानून के अनुरूप और कानून के द्वारा ही हो रही है। प्रश्न ये उठता है की जब UP में कानूनी कार्यवाही लाउडपीकर पर हो सकती है तो बाकी राज्यों में क्यों नहीं? क्या सब जगह कानून अलग अलग है? क्या बाकी राज्यों की पुलिस को कानून की समझ नहीं या उनके पास शिकायत ही नहीं पहुंच रही?
जयपुर में भी अवैध मीट बेचने वालों पर कार्यवाही की खबरें आ रही हैं और वो भी कानून के अंतर्गत तो ऐसी ही कार्यवाही अन्य राज्यों में नहीं होनी चाहिए?
ये सब होगा बस जरूरत है तो देश की जनता को जागने की, हर गैर कानूनी हरकतों के विरुद्ध एकजुट होकर आवाज उठाने की और शिकायत करने की, जो संगठन इन गलत गतिविधियां का विरोध कर रहे हैं उनका जनता को साथ देना होगा ताकि ये सारी गलत गतिविधियां बंद हों और जेहाद को कमर टूटे..
तय मानक से अधिक आवाज में लाउडस्पीकर बजाने पर उत्तर प्रदेश की सीतापुर पुलिस ने एक मस्जिद के मौलवी और मुतवल्ली पर एफआईआर दर्ज की है। मौलवी का नाम अब्दुल्ला, जबकि मुतवल्ली का नाम बब्बू खान है।
जिस मस्जिद से तेज आवाज में लाउडस्पीकर से अजान दी जा रही थी वह पुलिस लाइन के ही पास है। आवाज कम करने को लेकर मौलवी और मुतवल्ली को पुलिस ने कई बार समझाया। लेकिन इन पर कोई फर्क नहीं पड़ा। इसके बाद रविवार (3 दिसंबर 2023) को इन पर FIR दर्ज की गई।
मामला सीतापुर जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र का है। मामले में शिकायतकर्ता खुद पुलिस है। चौकी इंचार्ज सब इंस्पेक्टर अश्मित भारती ने अपने ही थाने में इसकी तहरीर दी है। तहरीर में उन्होंने बताया कि 3 दिसंबर को वे अपने क्षेत्र में गश्त कर रहे थे। इसी दौरान पता चला कि पुलिस लाइन के बगल बनी मस्जिद में तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाया जा रहा है। बकौल चौकी इंचार्ज इस वजह से मस्जिद के आसपास रहने वालों को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा था।
पुलिस लाइन के पास बनी इस मस्जिद में मौलवी के तौर पर सीतापुर का ही रहने वाला दीन मोहम्मद का बेटा अब्दुल्ला और मुतवल्ली के रूप में इसी जिले का निवासी सरताज का बेटा बाबू खान नियुक्त है। सब इंस्पेक्टर अश्मित के मुताबिक इन दोनों को पहले भी कई बार माइक की आवाज को मानकों के हिसाब से रखने के लिए समझाया गया था। हालाँकि इसका दोनों पर कोई फर्क नहीं पड़ा। पुलिस ने अब्दुल्ला और बब्बू खान की इस हरकत को उत्तर प्रदेश शासन की नियामवली और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन माना है।
पुलिस ने दोनों आरोपितों पर IPC की धारा 188 के साथ ध्वनि प्रदूषण नियमन व नियंत्रण नियम 2000 की धारा 5/6 के तहत कार्रवाई की है। ऑपइंडिया के पास FIR कॉपी मौजूद है। बताते चलें कि मज़हबी स्थलों पर लगे अवैध लाउडस्पीकरों को हटाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस 15 दिनों के विशेष अभियान पर है। सीतापुर जिले में इस अभियान के तहत अब तक 12 लाउडस्पीकर हटवाए गए हैं, जबकि 356 माइकों की आवाज कम कराई गई है।