✊‘स्वेच्छा से हिंदुओं को सौंप दे विवादित धार्मिक स्थल’: मुस्लिमों और अन्य मजहब के लोगों से RSS नेता इंद्रेश कुमार की अपील.
👆 इसे चाहे अपील समझें या चेतावनी लेकिन सच ये हैं की जो जिसका है उसे मिलना ही चाहिए वर्ना जब छीन कर वापस लिया जाएगा तो दिक्कत होगी...
👉कुछ समय पहले मोहन भागवत जी ने एक लाइन कही थी कि "हर मस्जिद में शिवलिंग नहीं देखना चाहिए।" अब इंद्रेश जी ने इसका तात्पर्य समझाया और कहा "मोहन भागवत ने जो कहा वह बहुत स्पष्ट है। खोजने की जरूरत नहीं है, सच्चाई सबके सामने है। हर किसी को उस सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए।" यानी जो जिसका है उसे स्वेच्छा से दे देना चाहिए...
👉उन्होंने आगे कहा "मोहन भागवत के बयान का उद्देश्य आपसी संघर्ष को समाप्त करना था ताकि समाज नफरत और हिंसा से मुक्त होकर सोच-विचार कर सके, वह इस बयान में बहुत स्पष्ट थे।”
उन्होंने अयोध्या में बन रहे रामलला के मंदिर को लेकर भी बड़ी बात बोली। उन्होंने कहा, “राम मंदिर सभी के लिए है। यह एक राष्ट्रीय मंदिर है। राम सभी के लिए हैं और सभी में हैं। भारत एक ऐसा राष्ट्र है जो सभी धर्मों को स्वीकार करता है और उनका सम्मान करता है। इसलिए इसे राष्ट्रीय मंदिर कहना है।”
गौरतलब है कि भारत में कई ऐसे मंदिर हैं जिन्हें इस्लामी आक्रान्ताओं ने तोड़ कर उन पर मस्जिदें बनवा दी थी। मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि और काशी में ज्ञानवापी के विवादित ढाँचे पर कोर्ट में में मामले भी चल रहे हैं। इसके अलावा भी अन्य ऐसे कई मामले जहाँ हिन्दुओं और मुस्लिमों में विवाद है।
अयोध्या में रामजन्मभूमि वाले मामले को भी पहले बातचीत के जरिए सुलझाने की कोशिश की गई थी, लेकिन मुस्लिम पक्ष के अड़ियल रवैए के कारण सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही मंदिर निर्माण शुरू हो सका था। उस समय भी मुस्लिम पक्ष से स्वेच्छा से रामजन्मभूमि सौंप देने की अपील की गई थी। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।