माता पिता यदि अपने बच्चे को कुवें में जान बूचकर ढकेलें तो क्या उन्हें बच्चे का शत्रु कहना गलत होगा? आधुनिकता के चक्कर में बच्चों को मिशनरी स्कूलों में भेजा जाता है जहां हिंदू बच्चों के साथ अत्यचार होते हैं उन्हें धर्मांतरित करने के प्रयास होते हैं उन्हें अपने धर्म से दूर किया जाता है तो क्या ऐसे स्कूलों में भेजने वाले माता पिता बच्चे के शत्रु नहीं? घटना गाजियाबाद से जहां जय श्री राम लिखने मात्र से स्कूल के छात्र के साथ अमानवीय व्यहवार किया गया। अब बात सामने आया तो दिखाए के लिए टीचर को निकाल दिया गया
ऐसी मिशनरी स्कूलों से न जाने कितनी घटनाएं सामने आ चुकी है लेकिन फिर भी यदि हिंदू माता-पिता सजक नहीं होते हैं और अपने बच्चों की सुरक्षा पर विचार नहीं करते हैं तो वह खुद अपने बच्चों के शत्रु कहलाने योग्य ही है। मिशनरी स्कूलों में हिंदू बच्चों को अपनी परंपराएं अपने रीति रिवाज या यह कह अपने धर्म के पालन से भी रोका जाता है और देखिए केवल जय श्री राम लिखने मात्र से एक बच्चे के मुख पर टीचर ने व्हाइटनर को दिया कहा तो यह भी जा रहा है कि किसी जलनशील पद्धति से बाद में उसका मुंह बुलाया गयामीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह मामला गाजियाबाद के थानाक्षेत्र मसूरी का है। पीड़ित छात्र इशांक चौहान यहाँ के होली ट्रिनिटी चर्च स्कूल में कक्षा 7 में पढ़ता है। सोमवार को इशांक ने अपनी डेस्क पर ‘जय श्रीराम’ लिख दिया। इस बात की जानकारी जब क्लास टीचर मनीषा मसीह को हुई तो वो भड़क गईं। आरोप है कि मनीषा ने इशांक के मुँह पर व्हाइटनर पोत दिया और इसी हालत में उसे अन्य छात्रों के बीच बिठा दिया। इशांक इस हालत में लगभग 1 घंटे तक बैठा रहा।
लगभग 1 घंटे बाद छुट्टी होने पर इशांक का चेहरा थिनर से साफ़ करवाया गया। थिनर के प्रयोग से पीड़ित के चेहरे पर जलन होने लगी। इसी दिन जब इशांक अपने घर लौटा तो उसने परिजनों को सारी बात बताई। कुछ ही देर में घटना की जानकारी हिन्दू संगठनों को हो गई। वो पीड़ित छात्र के परिवार वालों के साथ स्कूल पहुँचे और अरोपिता पर एक्शन की माँग करने लगे। मामले की सूचना पुलिस को मिली तो वो भी मौके पर पहुँच गई। हंगामा बढ़ता देख कर मनीषा मसीह ने अपनी करतूत को कबूल किया और इसे गलती बताते हुए माफ़ी माँगी।
हालाँकि, हिन्दू संगठन मनीषा मसीह पर कार्रवाई की माँग को लेकर अड़े रहे। आखिरकार होली ट्रिनिटी चर्च स्कूल की मैनेजर आशा डेनियल और प्रधानाध्यपिका मधुलिका जोसफ ने 4 दिसंबर को ही एक सामूहिक आदेश जारी करते हुए मनीषा मसीह को नौकरी से निकाले जाने की जानकारी साझा की। बर्खास्तगी की वजह टीचर के खिलाफ पीड़ित के परिजनों और शहर प्रशासन द्वारा गंभीर शिकायत मिलना बताया गया है। फिलहाल इस मामले में किसी पक्ष ने पुलिस में तहरीर नहीं दी है।
ऑपइंडिया से बात करते हुए पीड़ित छात्र के पिता राजेश चौहान ने बताया कि उनका बेटा होली ट्रिनिटी स्कूल में 2 साल से पढ़ाई कर रहा है। इससे पहले इशांक जिस भी स्कूल में पढ़ा है वहाँ ऐसी समस्या कभी नहीं आई। इस मामले में स्कूल प्रशासन को राजेश चौहान ने शिकायत भी दी है जिसकी कॉपी हमारे पास मौजूद है। शिकायत में राजेश ने स्कूल प्रशासन से माँग भी की है कि उनके बेटे के साथ भविष्य में ऐसी कोई द्वेषपूर्ण कार्रवाई दोबारा न की जाए।