तमिलनाडु में तूफान ने आतंक मचाया हुवा है और ऐसे में सनातनी निकल पड़े हैं लोगों की सहायता करने वो भी निश्वार्थ भाव से। जो लोग सनातन धर्म को डेंगू मलेरिया कहते थे ना जाने वह किस कोने में दुबके हुए हैं। कुछ लोग ऐसी आपदाओं में अवसर खोजते हैं और चावल की बोरी, दवाई आदि देकर भोले भाले पीड़ितों का धर्मांतरण करते हैं ... लेकिन सनातन को मानने वाले इन आपदाओं में लोगों की सेवा को अपना कर्तव्य मानते हैं।
आरएसएस को भले ही कोई कुछ भी कह ले लेकिन शायद ही इस पूरी दुनिया में ऐसा कोई संगठन होगा जो बिना जाति और धर्म को देखे बिना अवसर की तलाश किया पीड़ितों जरूरतमंदों की सहायता करने के लिए निस्वार्थ भाव से और समर्पण भाव से सबसे पहले पहुंचता होगा। तमिलनाडु में तूफ़ान मिचौंग (Cyclone Michaung) से हालत खराब है लगभग 17 लोगों की मौत जो चुकी है इस बीच लोगों की मदद और राहत बचाव के लिए भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे हुए हैं।
मौसम विभाग का कहना है कि मिचौंग से होने वाली बारिश अब पूरी हो गई है। चेन्नई में ट्रेनों का संचालन भी दोबारा चालू हो गया है। चेन्नई के एयरपोर्ट पर भी पानी भर गया था, जिसे निकाल कर अब उड़ानें भी चालू कर दी गई हैं।
तूफ़ान मिचौंग के कारण चेन्नई शहर में हुई बारिश बीते सात दशक में सबसे अधिक हुई है। इस दौरान चेनई के अधिकांश इलाके जलमग्न हो गए। इनमें कई पॉश कॉलोनी भी शामिल हैं। इन सभी इलाकों में राहत बचाव टीमें अब पहुँच रही हैं।
इस मिचौंग तूफ़ान के बाद बनी गंभीर परिस्थितयों में भाजपा के कार्यकर्ता लगातार लोगों को राहत पहुँचा रहे हैं। भाजपा के कार्यकर्ता तूफ़ान से प्रभावित इलाकों में लोगों को फ़ूड पैकेट, दवाइयाँ और अन्य राहत का सामान बाँट रहे हैं।
चेन्नई के अंदर जलमग्न इलाकों में भाजपा कार्यकर्ता घर-घर जाकर उन्हें राहत पहुँचा रहे। तमिलनाडु भाजपा के इस कदम की अब प्रशंसा हो रही है। इन कार्यकर्ताओं ने कई जगह पर फ़ूड स्टाल भी लगाए हैं, जहाँ से लोगों को खाना बाँटा जा रहा है।
तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई खुद राहत बचाव कार्यक्रम को देख रहे हैं। अन्य प्रदेशों की भाजपा यूनिट ने भी तमिलनाडु में राहत सामग्री भेजी है। गोवा, कर्नाटक, केरल समेत अन्य राज्यों से भाजपा कार्यकर्ता राहत सामग्री लेकर तमिलनाडु के भीतर पहुँच रहे हैं।
इस बीच मौसम विभाग ने बताया है कि अब यह तूफ़ान आंध्र प्रदेश पहुँच कर एक दबाव क्षेत्र में बदल चुका है। इसके कारण आज आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भारी बारिश होने की संभावना है।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को डेंगू मलेरिया के समान बताया था। हालाँकि अब अधिकांश सनातनी कार्यकर्ता ही तमिलनाडु में राहत बचाव में जुटे हुए हैं।
तमिलनाडु में इस तूफ़ान के कारण हजारों एकड़ फसलें भी डूबी हुई हैं। राज्य के बड़े हिस्से में बिजली और मोबाइल नेटवर्क भी बाधित है, इसे दोबारा चालू करने का प्रयास किया जा रहा है। अब आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा को हाई अलर्ट पर रखा गया है।